जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने EVM जमा करने में गड़बड़ी और लेटलतीफी के मामले में कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रखा है। सुनवाई के दौरान गुरुवार को निर्वाचन आयोग ने अपना पक्ष रखा। निर्वाचन आयोग ने कहा कि वोटिंग में इस्तेमाल ना होने वाली ईवीएम देर से जमा हुई थी।
बता दें कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में ईवीएम और स्ट्रांग रूम की सुरक्षा में लापरवाही की एसआईटी जांच कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की है। याचिका में ईवीएम और स्ट्रांग रूम की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को हटाने और सागर, भोपाल, सतना, शाजापुर में रिजर्व ईवीएम की फॉरेसिंक जांच कराने की मांग की गई है।
ये याचिका प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव नरेश सराफ ने दायर की है। याचिका में कहा गया कि सागर के खुरई में मतदान समाप्ति के 48 घंटे बाद ईवीएम मशीन स्ट्रांग रूम में पहुंची। सतना के स्ट्रांग रूम के पिछले दरवाजे से दो संदिग्ग्ध लोग अंदर घुसते हुए सीसीटीवी में देखे गए। जबकि भोपाल में स्ट्रांग रूम के भीतर छेड़छाड़ कर प्रसारण को प्रभावित किया गया, जिसमें लाइव रिकार्डिंग दिखाने की बजाय सेव वीडियो प्रस्तुत किया गया।
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याचिका में कहा गया है कि शाजापुर के शुजालपुर विधानसभा में दो अधिकारी ईवीएम लेकर भाजपा नेता के होटल में रूके थे। वहां पर दोनों अधिकारियों ने शराब भी पी थी। खंडवा में तीन ईवीएम और वीवीपैट मशीन मतदान के तीन दिन बाद स्ट्रांग रूम में पहुंची। याचिका में इन सभी घटनाओं की एसआईटी जांच कराने और लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को हटाने की मांग की गई है।
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