कांग्रेस को भारी ना पड़ जाए आखिरी ओवर की फुलटॉस | Kailash Kachawa Blog:

कांग्रेस को भारी ना पड़ जाए आखिरी ओवर की फुलटॉस

कांग्रेस को भारी ना पड़ जाए आखिरी ओवर की फुलटॉस

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 12:53 AM IST, Published Date : November 26, 2018/12:19 pm IST

क्रिकेट का T-20 मैच हो या वनडे मुकाबला उसके आखिरी के ओवर काफी अहम होते है। इसे स्लॉग ओवर भी कहते है। इसमें बॉल, बल्ले या फिल्डिंग में जो अच्छा खेल दिखाता है। वो कमाल कर जाता है। गेंदबाज कोई हल्की बॉल डाल दे तो बल्लेबॉज उसे बाउंड्री पार भेजने में देर नहीं लगाता है। और अगर गेंदबाज की लाइन लेंथ सही है। तो बल्लेबाज को ज्यादा मौका नहीं मिलता और वो गलती कर बैठता है। सियासत की पिच पर खेले जाने वाले चुनावी मुकाबले भी ठीक इसी तरह के होते है। आप की तैयारी और रणनीति चाहे कितनी ही मजबूत हो। ऐन मौके पर आपकी छोटी की गलती महंगी पड़ जाती है और खासकर तब जब सामने मोदी जैसा प्लेयर हो।

मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनाव में भी कांग्रेस गुजरात जैसी की गलतियां दोहरा रही है। बीजेपी के स्टार प्रचारक और पीएम मोदी जैसे प्लेयर के सामने बयानों को फुलटॉस डाले जा रहे है। अब मोदी उन्हें घुमा घुमाकर बाउंड्री पार भेज रहे है। कांग्रेस नेताओं ने मोदी की मां-पिता और जाति को लेकर बयान दिए। अब मोदी उन्हीं बयानों को मुद्दा बनाकर अपने अंदाज में कांग्रेस की बखिया उधेड़ रहे है। मोदी कह रहे है कि कांग्रेस में उनसे मुकाबला करने की ताकत नहीं रही है। और इसीलिए उनकी जाति, मां और पिता को चुनावी राजनीति में घसीटा जा रहा है। चुनाव के आखिरी समय में मोदी के सामने बयाने के फुलटॉस डालने वाले कांग्रेस नेताओं में राज बब्बर से लेकर सीपी जोशी और विलासराव मुत्तेमवार शामिल है। राहुल गांधी खुद अपने कन्फ्यूजन के चलते एक कमजोर चाल चलकर अपनी किरकिरी करा चुके है…

राहुल गांधी ने पनामा पेपर्स मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय का नाम ले लिया था। हालांकि बाद में उन्होंने इसे अपना कन्फ्यूजन कहकर बयान के किनारा करने की कोशिश की थी। लेकिन बीजेपी जब सत्ता का चौका लगाने की तैयारी कर रही हो। और इस तरह की कमजोर बॉल मिले। तो भला कोई इस मौके को कैसे चूक सकता है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर सीएम शिवराज समेत बीजेपी के अन्य स्टार प्रचारक और नेता अब राहुल गांधी को कन्फ्यूज नेता की संज्ञा दे रहे है। और बीजेपी के करीब करीब हर मंच पर इसका जोर शोर से बखान हो रहा है। कांग्रेस के लिए प्रचार के लिए इंदौर आए राज बब्बर ने भी पीएम मोदी की मां के लिए टिप्पणी कर दी थी। दरअसल राज बब्बर डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहे रुपये के मूल्य को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साध रहे थे।

उन्होंने कहा था कि कभी मोदी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के लिए लिए कहा था कि रुपए की कीमत गिर कर उनकी उम्र के करीब जा पहुंची। राज बब्बर ने कहा कि रुपया गिरकर आपकी (मोदी) पूजनीय माताजी की उम्र के करीब पहुंचना शुरू हो गया है। चुनावी बेला में कांग्रेस की लिए मुसीबत वाले बयान देने वालों की फेहरिस्त में अगला नाम राजस्थान के कांग्रेस नेता सीपी जोशी का है। सीपी जोशी ने तो पीएम मोदी से लेकर उमा भारती और साध्वी ऋतंबरा समेत कई नेताओं की जाति पूछ ली थी। सीपी जोशी के मुताबिक धर्म बारे में तो सिर्फ पंडित जानते है। लेकिन पीएम मोदी, उमा भारती और साध्वी ऋतंबरा जैसे नेता हिन्दू धर्म की बात करते है। हालांकि राहुल गांधी की नाराजगी के बाद उन्होंने अपने बयान पर खेद जता दिया था, लेकिन ये मामला शांत होता उससे पहले राजस्थान के ही एक और कांग्रेस नेता विलासराव मुत्तेमवार का एक वीडियो सामने आ गया।

जिसमें उन्होंने कथित तौर पर पीएम मोदी के पिता को लेकर टिप्पणी की है। विलासराव मुत्तेमवार वीडियो में ये कहते नजर आ रहे हैं कि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी को सब जानते है। राजीव गांधी की मां इंदिरा गांधी को सब जानते है। इंदिरा गांधी के पिता पंडित जवाहर लाल नेहरू और जवाहर लाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू को सब जानते है। लेकिन कोई भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पिता को नहीं जानता। उन्होंने सवाल उठाया कि हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी को कौन जातना था? हालांकि अब ये सभी नेता अपने बयानों पर डैमेज कंट्रोल में जुटे हैं, लेकिन जुबान से निकली बात और कमान से निकला तीर कभी वापस नहीं आता। कांग्रेस के साथ भी ऐसा ही हो रहा है। पीएम मोदी और बीजेपी के बाकी नेता कांग्रेस नेताओं के इन बयानों को जनता के बीच रख रहे है। और कांग्रेस को जमकर खरी-खोटी भी सुना रहे है।

अब जरा ज्यादा दूर ना जाते हुए साल 2017 का गुजरात चुनाव याद कीजिए। राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूमे, ताबड़तोड़ रैलियां और रोड शो किए। कांग्रेस के लिए माहौल बनाया। लेकिन इसी दौरान कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर का एक बयान आया। जिसमें उन्होंने पीएम मोदी को ‘नीच’ कह दिया था। बीजेपी के स्टार प्रचारक पीएम मोदी ने उनका यही शब्द पकड़ लिया, उसे गुजराती अस्मिता से जोड़ दिया और करीब करीब हर मंच पर अय्यर के इसी बयान को लेकर कांग्रेस को जमकर घेरा। कांग्रेस की सारी मेहनत पर पानी फिर गया और बीजेपी चौथी बार गुजरात में सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रही। कांग्रेस की हार के कारणों में मणिशंकर अय्यर का बयान एक बड़ी वजह बना था। साल 2014 का लोकसभा चुनाव भी याद कीजिए। चुनाव से पहले इन्हीं मणिशंकर अय्यर ने कहा कि मोदी कभी प्रधानमंत्री नहीं बन सकते, वो चाहे तो चाय बेच सकते है। और वही चाय कांग्रेस को भारी पड़ गई। देश में बीजेपी की चाय बन गई। मतलब सरकार बन गई। हालांकि 2014 की हार के कई कारण थे। लेकिन मणिशंकर और कई दूसरे नेताओं के मोदी पर दिए बयान भी उसकी मुख्य वजह बने।

तो क्या मध्यप्रदेश और राजस्थान में 2017 के गुजरात चुनाव जैसा सीन बन रहा है। क्या कांग्रेस इन राज्यों में भी गुजरात वाली कहानी दोहरा रही है। क्या राहुल गांधी से लेकर राज बब्बर, सीपी जोशी और विलासराव मुत्तेवार ने मोदी के सामने कमजोर बॉल डाल दी है। फुलटॉस बॉल डाल दी है। अब पीएम मोदी जैसे प्लेयर अपना बल्ला घुमा रहे है। ऐसे में चुनावी स्लॉग ओवर में कांग्रेस की ये फुलटॉल कहीं फिर से उसके लिए महंगी ना पड़ जाए। कहीं कांग्रेस फिर बाउंड्री पार ना हो जाए


(कैलाश कछावा, सीनियर प्रोड्यूसर, IBC24)