मुंबई। महाराष्ट्र केबिनेट ने मराठा आरक्षण के लिए बिल को मंजूरी दे दी है। इस आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र के पिछड़ा वर्ग आयोग ने सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर अपनी रिपोर्ट गुरुवार को सौंपी थी। विधानसभा में मराठा आरक्षण बिल शीतकालीन सत्र के पहले दिन लाया जा सकता है।
रविवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि मराठा समाज को आरक्षण देने पर सहमति बन चुकी है। कैबिनेट बैठक के दौरान एसईबीसी बिल पर मुहर लगाई गई है। सरकार का मानना है कि मराठा समुदाय शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़ा हुआ है। फडणवीस ने कहा, ‘हमें पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट मिली थी, जिसमें तीन सिफारिशें की गई हैं। मराठा समुदाय को एसईबीसी के तहत से अलग से आरक्षण दिया जाएगा। हमने पिछड़ा वर्ग आयोग की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है और इन पर अमल के लिए एक कैबिनेट की उप समिति बनाई गई है’।
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र की जनसंख्या में राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय की आबादी 30 फीसदी है। मराठा आरक्षण को इसी साल जुलाई-अगस्त में राज्य में जोरदार आंदोलन छिड़ा था। सूत्रों की मानें तो आयोग की रिपोर्ट में ओबीसी को दिए गए आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना मराठा समुदाय की शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग के पक्ष में सुझाव दिए गए हैं।
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