Gujarat Assembly KHAM formula 2022

क्या गुजरात में फिर चलेगा कांग्रेस का KHAM फॉर्मुला? जानिए क्या है खाम का समीकरण, जिससे कांग्रेस ने बनाया था जीत का इतिहास

Gujarat Assembly KHAM formula 2022 गुजरात में जातीय समीकरणों को साधने के लिए गुजरात के पूर्व सीएम माधव सिंह सोलंकी ने ये फॉर्मूला

Edited By :   Modified Date:  December 7, 2022 / 01:08 PM IST, Published Date : December 7, 2022/1:08 pm IST

Gujarat Assembly KHAM formula 2022: गुजरात के माधव सिंह सोलंकी एक ऐसा नाम है जिसने गुजरात की राजनीति को बदल कर रख दिया। नरेंद्र मोदी के बाद सबसे ज्यादा सत्ता में काबिज रहने का रिकॉर्ड सोलंकी के ही नाम रहा है। माधव सिंह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने नया प्रयोग कर पार्टी को मजबूत किया था। साथ ही कई साल तक गुजरात सरकार में रहें है। साल 1985 के गुजरात चुनाव में सोलंकी की अगुवाई में कांग्रेस ने 149 सीटों पर दर्ज की थी। उस समय की अगर बात की जाए तो गुजरात में उस समय की ये सबसे बड़ी जीत थी। 149 लाना आसान बात नहीं थी लेकिन माधव सिंह सोलंकी ने ये नामुमकिन काम कर दिखाया जनता की विश्वास जीत पूरी ताकत के साथ सत्ता में आई। जो कि गुजरात में अब तक की सबसे बड़ी जीत मानी जा रही थी।

इस फॉर्मूले से 2 बार गुजरात पर किया राज

Gujarat Assembly KHAM formula 2022: सर्दी के मौसम में इस बार सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बीजेपी-कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने धूम मचा रखी है। गुजरात की राजनीति दशकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईर्द गिर्द घूम रही है। लेकिन इससे पहले राजनीति की धुरी कहलाने वाले माधव सिंह सोलंकी ने राजनीति को एक नया आयाम दिया था। इस फॉर्मुले को अपना कर उन्होंने एक बार नहीं 2 बार गुजरात की सत्ता पर राज किया। गुजरात में जातीय समीकरणों को साधने के लिए माधव सिंह ने KHAM फॉर्मूला निकाला जिसकी मदद से जनता को एक कर सूबे की राजनीति को बदल दिया।

क्या है KHAM थ्योरी – Gujarat Assembly KHAM formula 2022

Gujarat Assembly KHAM formula 2022: 1980 में सरकार गिरने के बाद राज्य में चुनाव का ऐलान हुआ तो कांग्रेस ने 107 दिनों तक सीएम रहे माधव सिंह सोलंकी को चुनावी कमान सौंप दी गई। जिसके बाद वो एक जातीय समीकरण लेकर आये, जिसे खाम थ्योरी का नाम दिया गया। जिसमें K का मतलब था क्षत्रिय, H का मतलब हरिजन, A का मतलब आदिवासी और M का मतलब था मुस्लिम। माधव सिंह सोलंकी की अगुवाई में कांग्रेस ने इस थ्योरी से 1980 में 182 सीटों में से 141 सीटों पर जीत दर्ज की। इसी के सहारे कांग्रेस ने 1985 का चुनाव भी लड़ा और 149 सीटें जीतकर सरकार बनाई। जो आजतक एक बड़ा रिकॉर्ड माना जाता है।

KHAM समीकरण के लिए जाने जाते हैं सोलंकी

Gujarat Assembly KHAM formula 2022: गुजरात में जातीय समीकरणों को साधने वाले राजनीतिज्ञों की बात होगी तो सबसे पहला नाम मावध सिंह सोलंकी का आएगा। सोलंकी ने गुजरात की सियासत में पहली बार नया प्रयोग किया और KHAM समीकरण के जरिए सूबे की राजनीति ही बदल दी। उनके इस प्रयोग की वजह से कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला। 5 साल तक कांग्रेस ने एकछत्र राज किया।

क्या इस बार चल पाएगा खाम थ्योरी का जादू – Gujarat Assembly KHAM formula 2022

Gujarat Assembly KHAM formula 2022: इस बार भी गुजरात में कांग्रेस ने खाम थ्योरी को बरकरार रखा है। कांग्रेस की ये स्ट्रोंग थ्योरी क्या इस बार भी कमाल कर पाएगी यो ते आने वाला वक्त ही बताएगा। पार्टी ने इस बार इस फॉर्मुले का उपयोग कर नेता प्रतिपक्ष को बदला है और पाटीदार परेश धानाणी को हटाकर आदिवासी सुखराम राठवा को लेकर आए। प्रदेश अध्यक्ष उन्होंने ओबीसी नेता जगदीश ठाकोर को बनाया है और दलित चेहरे के रूप में उनके पास जिग्नेश मेवानी हैं। मुस्लिम समुदाय में कांग्रेस के लिए पहले अहमद पटेल एक बड़े फैक्टर के तौर पर काम करते थे जिनकी मृत्यु के बाद कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि उनकी बेटी के सहारे चुनाव में लीड ले सकते हैं।

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