डी राजा ने छात्रों से मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का आग्रह किया |

डी राजा ने छात्रों से मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का आग्रह किया

डी राजा ने छात्रों से मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का आग्रह किया

:   Modified Date:  September 29, 2023 / 12:10 AM IST, Published Date : September 29, 2023/12:10 am IST

बेगुसराय, 28 सितंबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर आम जनता को नुकसान पहुंचाकर ‘बड़े-बड़े उद्योगपतियों के हितों की पूर्ति’ करने का आरोप लगाते हुए बृहस्पतिवार को छात्रों से इसके खिलाफ मोर्चा खोलने का आग्रह किया ।

यहां भाकपा की छात्र शाखा ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राजा ने भाजपा पर आरएसएस की कथित ‘फासीवादी’ विचारधारा को आगे बढ़ाने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने आरोप लगाया, “ (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी 2014 में एक साल में दो करोड़ नौकरियां देने का वादा करके सत्ता में आए थे। अब तक उन्हें 18 करोड़ नौकरियां पैदा करनी चाहिए थीं, वे कहां हैं? और उस काले धन का क्या हुआ, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वह इतना अधिक है कि प्रत्येक नागरिक को उसके खाते में 15 लाख रुपये मिल सकते हैं।”

राजा ने आरोप लगाया कि मोदी का शासन ‘सत्यमेव जयते” के ध्येय वाक्य के विपरीत, झूठ पर आधारित है’। उन्होंने ‘विश्वकर्मा’ योजना एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) जैसे वर्तमान शासन के कदमों को ‘भयावह’ करार दिया।

उन्होंने दावा किया, “विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नाई और बढ़ई के बच्चे अपने पिता के पेशे को जारी रखें। यह आरएसएस की सोच है जो जातिगत असमानता और पितृसत्ता को वैध बनाना चाहती है।”

उन्होंने यह भी कहा कि एनईपी का उद्देश्य ‘शिक्षा का निजीकरण और व्यावसायीकरण करना’ है और इस नीति को वापस लेने की मांग करने के लिए शिक्षकों और छात्रों को एक साथ आना चाहिए।

भाकपा नेता ने कहा, ‘ इस सरकार के जाने पर ही एनईपी वापस ली जा सकती है।’

उन्होंने कहा कि सभी वामपंथी दलों ने हाथ मिलाया है और ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा बनने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें कांग्रेस के अलावा कई क्षेत्रीय दल शामिल हैं।

भाकपा नेता ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ‘केवल बड़े व्यवसाय, विशेष रूप से अडानी और अंबानी जैसे मित्र उद्योगपतियों के हितों को बढ़ावा देने में रुचि रखती है।

उन्होंने स्वतंत्रता सैनानी शहीद भगत सिंह की जयंती का जिक्र करते हुए बताया कि भगत सिंह साम्यवाद की विचारधारा से प्रभावित थे और कहा जाता है कि जब ब्रिटिश अधिकारी यह बताने के लिए उनकी जेल की कोठरी में दाखिल हुए कि उनकी फांसी के समय को पहले किया जा रहा है तब वे लेनिन की एक रचना पढ़ रहे थे।

भाषा अनवर नोमान

नोमान

 

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