अडाणी, अंबानी में पहली बार गठजोड़, रिलायंस ने अडाणी पावर की परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी |

अडाणी, अंबानी में पहली बार गठजोड़, रिलायंस ने अडाणी पावर की परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी

अडाणी, अंबानी में पहली बार गठजोड़, रिलायंस ने अडाणी पावर की परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी

:   Modified Date:  March 28, 2024 / 06:54 PM IST, Published Date : March 28, 2024/6:54 pm IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) उद्योगपति मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपने प्रतिद्वंद्वी कारोबारी गौतम अडाणी की कंपनी अडाणी पावर की मध्य प्रदेश में एक बिजली परियोजना में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। यह पहला मौका है जबकि दो प्रतिद्वंद्वी अरबपति उद्योगपतियों के बीच किसी तरह का गठजोड़ हुआ है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने संयंत्र की 500 मेगावाट बिजली का खुद इस्तेमाल (कैप्टिव यूज) करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

दोनों कंपनियों ने शेयर बाजार को अलग-अलग दी सूचना में कहा कि रिलायंस, अडाणी पावर लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड में 10 रुपये अंकित मूल्य (50 करोड़ रुपये) के पांच करोड़ इक्विटी शेयर खरीदेगी और निजी उपयोग के लिए 500 मेगावाट उत्पादन क्षमता का उपयोग करेगी।

गुजरात के इन दोनों उद्योगपतियों को अक्सर मीडिया और समालोचकों द्वारा एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जाता रहा है। हालांकि, दोनों उद्योगपति एशिया के सबसे अमीर लोगों की सूची के शीर्ष दो पायदानों तक पहुंचने के लिए वर्षों से एक-दूसरे के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं।

अंबानी की रुचि तेल और गैस से लेकर खुदरा और दूरसंचार तक है तो अडाणी का ध्यान बंदरगाहों से लेकर हवाई अड्डों, कोयला और खनन तक फैले बुनियादी ढांचे पर है। दोनों कारोबारियों ने स्वच्छ ऊर्जा खंड को छोड़कर शायद ही कभी एक-दूसरे का रास्ता काटा हो। इस खंड में दोनों उद्योगपतियों ने कई अरब रुपये के निवेश की घोषणा की है।

अडाणी समूह 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक बनने की आकांक्षा रखता है, जबकि रिलायंस गुजरात के जामनगर में चार गीगाफैक्टरी का निर्माण कर रही है। इनमें प्रत्येक फैक्टरी सौर पैनल, बैटरी, हरित हाइड्रोजन और ईंधन सेल के लिए है।

अडाणी समूह भी सौर मॉड्यूल, पवन टर्बाइन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण के लिए तीन गीगाफैक्टरी लगा रहा है।

जब अडाणी समूह ने पांचवीं पीढ़ी (5जी) डेटा और वॉयस कॉल सेवाओं को ले जाने में सक्षम स्पेक्ट्रम की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन किया था तो तब भी टकराव की भविष्यवाणी की गई थी। हालांकि, अंबानी के विपरीत अडाणी ने 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में 400 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा था, जो सार्वजनिक नेटवर्क के लिए नहीं है।

इसके विपरीत, दोनों विरोध से बहुत दूर रहे हैं। साल 2022 में अंबानी से पूर्व संबंधों वाली एक कंपनी ने समाचार प्रसारक एनडीटीवी में अपनी हिस्सेदारी अडाणी को बेच दी, जिससे अधिग्रहण का मार्ग साफ हो गया।

इस महीने की शुरुआत में जामनगर में अंबानी के छोटे पुत्र अनंत के विवाह से पहले आयोजित समारोहों में भी गौतम अडाणी मौजूद रहे थे।

भाषा अनुराग अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)