चालू वित्त वर्ष में बैंकों को ऋण वृद्धि करनी पड़ सकती है धीमी: एसएंडपी |

चालू वित्त वर्ष में बैंकों को ऋण वृद्धि करनी पड़ सकती है धीमी: एसएंडपी

चालू वित्त वर्ष में बैंकों को ऋण वृद्धि करनी पड़ सकती है धीमी: एसएंडपी

:   Modified Date:  April 28, 2024 / 05:23 PM IST, Published Date : April 28, 2024/5:23 pm IST

नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) चालू वित्त वर्ष में भारतीय बैंकों की ऋण वृद्धि, लाभप्रदता और संपत्ति की गुणवत्ता मजबूत रहेगी, जो मजबूत आर्थिक वृद्धि को दर्शाती है। हालांकि, रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा है कि वे अपनी ऋण वृद्धि को धीमा करने के लिए मजबूर हो सकते हैं क्योंकि जमा राशि समान गति से नहीं बढ़ रही है।

एशिया-प्रशांत में बीते वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के बैंकिंग अपडेट में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की निदेशक एसएसईए निकिता आनंद ने कहा कि एजेंसी को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष में यदि जमा वृद्धि, विशेष रूप से खुदरा जमा, धीमी रहती है, तो क्षेत्र की मजबूत ऋण वृद्धि 16 प्रतिशत से घटकर 14 प्रतिशत हो जाएगी।

आनंद ने कहा कि प्रत्येक बैंक में ऋण-से-जमा अनुपात में गिरावट आई है, ऋण वृद्धि जमा वृद्धि की तुलना में दो-तीन प्रतिशत अधिक है।

निकिता आनंद ने एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के हाल ही में हुए एक सेमिनार में कहा, “हमें उम्मीद है कि बैंक चालू वित्त वर्ष में अपनी ऋण वृद्धि में कमी लाएंगे और इसे जमा वृद्धि के अनुरूप लाएंगे। यदि बैंक ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें थोक धन प्राप्त करने के लिए अधिक भुगतान करना होगा, जिससे लाभप्रदता प्रभावित होगी।”

आम तौर पर, ऋण वृद्धि सबसे ज्यादा निजी क्षेत्र के बैंकों में हुई है। इनमें लगभग 17-18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। दूसरी ओर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में 12-14 प्रतिशत की सीमा में ऋण वृद्धि देखी गई है।

भाषा अनुराग

अनुराग

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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