स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए नीलामी का ही रास्ता, केवल सीमित मामलों में प्रशासनिक आवंटन: सूत्र |

स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए नीलामी का ही रास्ता, केवल सीमित मामलों में प्रशासनिक आवंटन: सूत्र

स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए नीलामी का ही रास्ता, केवल सीमित मामलों में प्रशासनिक आवंटन: सूत्र

:   Modified Date:  April 23, 2024 / 09:05 PM IST, Published Date : April 23, 2024/9:05 pm IST

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) सरकार दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी जारी रखेगी और सिर्फ सीमित मामलों में ही प्रशासनिक आवंटन का रास्ता अपनाया जाएगा। यह व्यवस्था उन मामलों में सोच-विचारकर की जाएगी जहां तकनीकी रूप से ऐसा करना संभव नहीं है या उनकी प्रकृति रणनीतिक श्रेणी की है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

दूरसंचार विभाग मोबाइल फोन सेवाओं के लिए आठ स्पेक्ट्रम बैंड (800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज) के लिए छह जून को स्पेक्ट्रम नीलामी का अगला दौर आयोजित करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए आधार मूल्य लगभग 96,317 करोड़ रुपये रखा गया है।

स्पेक्ट्रम को 20 वर्षों के लिए आवंटित किया जाएगा और सफल बोलीदाताओं को आगामी नीलामी में 20 समान वार्षिक किस्तों में भुगतान करने की अनुमति दी जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि मोबाइल सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम, नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से ही दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि दूरसंचार अधिनियम, 2023 के तहत केवल कुछ क्षेत्रों को प्रशासनिक आधार पर स्पेक्ट्रम दिये जाएंगे। इन क्षेत्रों में पुलिस के लिए वॉकी-टॉकी, मौसम की भविष्यवाणी के लिए रडार, जहाजों के लिए रडार और संचार, अंतरिक्ष और उपग्रह अनुप्रयोगों के लिए संचार, सेना, वायु सेना और नौसेना तथा सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल शामिल हैं।

कुल आवंटन को देखा जाए तो, इन क्षेत्रों की हिस्सेदारी सिर्फ पांच-सात प्रतिशत ही बैठती है।

सरकार ने 2012 के आदेश में संशोधन के अनुरोध के साथ सोमवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इस संशोधन का उद्देश्य उन चुनिंदा मामलों में प्रशासनिक आवंटन की अनुमति देना था जहां नीलामी मार्ग का उपयोग करना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। हालांकि, अधिकांश स्पेक्ट्रम के लिए नीलामी ही आवंटन का माध्यम बनी रहेगी।

सूत्रों ने साफ किया कि न्यायालय में मामला मूल रूप से दूरसंचार विधेयक को संसद में पेश करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए शीर्ष अदालत में दायर किया गया एक आवेदन है।

भाषा रमण प्रेम

प्रेम

 

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