शिपिंग कॉरपोरेशन के बोर्ड ने गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की योजना में बदलाव को मंजूरी दी |

शिपिंग कॉरपोरेशन के बोर्ड ने गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की योजना में बदलाव को मंजूरी दी

शिपिंग कॉरपोरेशन के बोर्ड ने गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की योजना में बदलाव को मंजूरी दी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : May 9, 2022/8:46 pm IST

नयी दिल्ली, नौ मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एससीआई) के निदेशक मंडल ने कंपनी की गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की योजना में कुछ संशोधनों को मंजूरी दी है। इन गैर-प्रमुख संपत्तियों को शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लैंड एंड एसेट्स लि. (एससीआईएलएएल) को स्थानांतरित किया जाएगा।

रणनीतिक बिक्री प्रक्रिया के तहत सरकार शिपिंग हाउस और प्रशिक्षण संस्थान सहित एससीआई की कुछ गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग कर रही है।

कंपनी ने सोमवार को बीएसई को भेजी सूचना में कहा कि उसके निदेशक मंडल ने गैर-प्रमुख संपत्तियों को एससीआईएलएएल में स्थानांतरित करने की योजना में कुछ बदलावों को मंजूरी दे दी है।

इन संशोधनों पर पत्तन, पोत-परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा दीपम विभाग की मंजूरी ली जाएगी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की प्रक्रिया काफी समय लेती है। हम तीन-चार माह में वित्तीय बोलियां मंगाने की स्थिति में होंगे।’’

एससीआई के निदेशक मंडल ने कंपनी की गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की योजना को पिछले साल अगस्त में मंजूरी दी थी। उसके बाद नवंबर, 2021 में एससीआईएलएएल का गठन किया गया था।

बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने अप्रैल, 2022 में एससीआई को गैर-प्रमुख संपत्तियों को अलग करने की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने को कहा है।

पिछले साल मार्च में सरकार को शिपिंग कॉरपोरेशन के निजीकरण के लिए कई बोलियां मिली थीं।

निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने दिसंबर, 2020 में कंपनी में सरकार की समूची 63.75 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के लिए अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए थे। हिस्सेदारी बिक्री के साथ ही कंपनी का प्रबंधन भी स्थानांतरित किया जाना है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नवंबर, 2020 में शिपिंग कॉरपोरेशन के रणनीतिक विनिवेश को सैद्धान्तिक मंजूरी दी थी।

शिपिंग कॉरपोरेशन का निजीकरण अब चालू वित्त वर्ष में पूरा होने की उम्मीद है। सरकार ने 2022-23 में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।

भाषा अजय

अजय प्रेम

प्रेम

 

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