नयी दिल्ली, 29 अप्रैल (भाषा) सेबी ने प्रीमियम मूल्य के बजाय अपने विकल्प अनुबंधों के कुल मूल्य के आधार पर नियामक शुल्क का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इससे बीएसई के शेयर में सोमवार को कारोबार के दौरान करीब 19 प्रतिशत की गिरावट आई, क्योंकि उसे अब अधिक नियामकीय शुल्क का भुगतान करना पड़ सकता है।
एनएसई में शेयर 18.63 फीसदी टूटकर 2,612.10 रुपये पर आ गया। कारोबार के अंत में शेयर 13.31 प्रतिशत गिरकर 2,783 रुपये पर बंद हुआ।
बीएसई ने शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को बताया, ”बीएसई को विकल्प अनुबंध के मामले में कुल मूल्य (नोशनल वैल्यू) पर विचार करते हुए सेबी को वार्षिक कारोबार के आधार पर नियामक शुल्क का भुगतान करने की सलाह दी गई है।”
इसके साथ ही उसे पिछली अवधि के लिए अतिरिक्त विनियामक शुल्क का भुगतान ब्याज सहित करने को कहा गया है।
शेयर बाजार को दी सूचना के मुताबिक पत्र मिलने के एक महीने के भीतर उक्त राशि का भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।
बीएसई ने रविवार को कहा था कि वह सेबी के पत्र के अनुसार दावे की वैधता का मूल्यांकन कर रहा है।
विकल्प कारोबार में ‘नोशनल’ यानी कुल कारोबार किए गए सभी अनुबंधों के कुल खरीद/बिक्री मूल्य को बताता है, जबकि ‘प्रीमियम टर्नओवर’ कारोबार किए गए सभी अनुबंधों पर भुगतान किए गए ‘प्रीमियम’ का योग है। चूंकि कुल मूल्य ‘प्रीमियम’ कारोबार से अधिक है, ऐसे में कुल कारोबार का चयन करने पर उच्च शुल्क का भुगतान करना होगा।
बीएसई ने कहा कि यदि उक्त राशि देनी पड़ती है, तो वित्त वर्ष 2006-07 से वित्त वर्ष 2022-23 तक के लिए कुल अतिरिक्त सेबी विनियामक शुल्क 68.64 करोड़ रुपये के अलावा जीएसटी होगा। इसमें 30.34 करोड़ रुपये का ब्याज शामिल है।
इसके अलावा, वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अतिरिक्त सेबी विनियामक शुल्क, यदि देय है, तो लगभग 96.30 करोड़ रुपये के अलावा जीएसटी हो सकता है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
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