‘कोयला संकट से 5,000 से अधिक लघु एवं मझोले उद्यमों को भारी नुकसान का अंदेशा’ |

‘कोयला संकट से 5,000 से अधिक लघु एवं मझोले उद्यमों को भारी नुकसान का अंदेशा’

‘कोयला संकट से 5,000 से अधिक लघु एवं मझोले उद्यमों को भारी नुकसान का अंदेशा’

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : October 26, 2021/8:54 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) मौजूदा कोयला संकट जारी रहने पर एल्युमीनियम मूल्य श्रृंखला से जुड़े 5,000 से अधिक लघु और मझोले आकार के उद्यमों (एसएमई) को भारी नुकसान का अंदेशा है। भारतीय औद्योगिक मूल्य श्रृंखला परिषद (आईआईवीसीसी) के अनुसार, यदि प्राथमिक एल्युमीनियम उद्योग के वर्तमान कोयला संकट का तत्काल समाधान नहीं किया गया तो इन एसएमई को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।

कोल इंडिया का घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। कोल इंडिया ताप विद्युत संयंत्रों में कम स्टॉक की स्थिति को देखते हुए अस्थायी रूप से बिजली क्षेत्र को ईंधन आपूर्ति में प्राथमिकता दे रहर है।

आईआईवीसीसी के राष्ट्रीय संयोजक और सदस्य, अभय राज मिश्रा के हवाले से एक बयान में कहा गया है, ‘‘.. भारतीय एसएमई का एक बड़ा हिस्सा, जिनके व्यवसाय गहराई से एल्युमीनियम उद्योग से जुड़े हुए हैं, आज एक अंधकारमय भविष्य की ओर जा रहा है। गैर-बिजली कंपनियों, विशेष रूप से प्राथमिक एल्युमीनियम निर्माताओं के लिए कोयले की भारी कमी, इन संयंत्रों को जोखिम में डाल देती है। अचानक बंद होने से इनपर निर्भर देश भर के 5,000 से अधिक एसएमई के लिए काफी संकट की स्थिति पैदा हो जाएगी।’’

आईआईवीसीसी देशभर में औद्योगिक उत्पादन और उपभोग आपूर्ति श्रृंखला गतिविधियों में शामिल उद्यमों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला संगठन है।

आईआईवीसीसी ने कहा कि कोयले की आपूर्ति बंद होने के साथ जीवाश्म ईंधन की भारी कमी न केवल प्राथमिक एल्युमीनियम उद्योग को प्रभावित कर रही है, बल्कि उद्योग से जुड़े बड़े निर्माताओं, एसएमई और सहायक उद्योगों को भी प्रभावित कर रही है। इससे संबंधित क्षेत्रों में कार्यरत लाखों लोग प्रभावित हो सकते हैं।

अगर वर्तमान अनिश्चित स्थिति का तुरंत समाधान नहीं किया जाता है, तो देश का फलता-फूलता विनिर्माण क्षेत्र भी संभावित रूप से प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा प्रमुख उद्योगों को कच्चे माल और एल्युमीनियम की कमी से कई उद्योगों के आयात में वृद्धि होगी और निर्यात आय में कमी आएगी।

एल्युमीनियम संयंत्रों के लिए दो घंटे या उससे अधिक की बिजली की कटौती एक बड़ी समस्या बन सकती है और संयंत्रों के पूर्ण रूप से बंद करना पड़ सकता है। एक बार बंद होने के बाद, परिचालन पूरी तरह से बहाल होने में कम से कम 12 महीने लगते हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

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