नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी सीआईएल ने गैर-विनियमित क्षेत्र के लिए ईंधन आपूर्ति समझौते की अवधि को पांच साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया है।
इस कदम का मकसद गैर-विनियमित क्षेत्र को नीलामी के जरिए कोयले की आपूर्ति का दीर्घकालिक आश्वासन सुनिश्चित करना है।
कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने छठे दौर के पूरा होने के कुछ दिन के भीतर ही गैर-विनियमित क्षेत्र के लिए नीलामी के सातवें दौर की शुरुआत की है।
कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘‘ सीआईएल ने सातवें दौर की शुरुआत करते हुए सक्रिय रूप से ईंधन आपूर्ति समझौते (एफएसए) की अवधि को 10 साल तक बढ़ा दिया है।’’
स्पॉन्ज आयरन उप-क्षेत्र के ग्राहकों के लिए कोयले की मांग को पूरा करने के वास्ते नीलामी का सातवां दौर दिसंबर के आखिरी सप्ताह में शुरू किया गया। हालांकि छठे दौर में इस क्षेत्र द्वारा एफएसए में सफल बोलियों का अनुपात कम था।
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