नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) एफएमसीजी प्रमुख डाबर इंडिया के अध्यक्ष अमित बर्मन की राय है कि आयुर्वेदिक स्वास्थ्य देखरेख उत्पादों और दवाओं की मांग मजबूत है और इससे कोविड-19 महामारी की स्थिति के बिगड़ने पर विशेष रुचि से क्रय किए जाने वाले उत्पादों के कारोबार में किसी भी नुकसान की भरपाई हो सकती है। बर्मन ने वर्ष 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों के नाम संदेश में कहा, ‘ महामारी की दूसरी लहर के उभरने और भविष्य में एक और लहर उठने से आने वाले महीनों में हमें उससे जुड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है’ .
उन्होंने लिखा है, ‘….तथ्य यह है कि महामारी खत्म नहीं हुई है।’ बर्मन ने कहा, ‘हम पिछले साल की तुलना में महामारी से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं। हम अपने उत्पादों की उपलब्धता में न्यूनतम व्यवधान सुनिश्चित करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला को सुव्यवस्थित करने के पिछले साल से ली गई सीख को भी लागू कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि हालांकि स्थिति बदल रही है, मगर कंपनी के कारखाने अपेक्षाकृत सामान्य आधार पर काम करना जारी रखे हैं। बर्मन ने कहा, ‘हम आयुर्वेदिक हेल्थकेयर उत्पादों और दवाओं के लिए मजबूत उपभोक्ता मांग के रुझान से भी प्रोत्साहित हैं, जो कि महामारी की लहर के बिगड़ने की स्थिति में विशेष रुचि के उत्पादों के कारोबार में किसी भी नुकसान की भरपाई कर सकता है।’’ डाबर इंडिया ने कहा कि आयुर्वेद को मुख्यधारा बनाने और इसे उपभोक्ता घरों तक पहुंचाने के अपने प्रयासों के तहत, कंपनी ने डाबर आरोग्य की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य – हमारे आयुर्वेदिक ज्ञान की जमा पूंजी, आयुर्वेद डॉक्टरों के पैनल और ऑनलाइन परामर्श की सुविधा’ के साथ टेलीमेडिसिन के माध्यम से विभिन्न बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक उपचार प्रदान करना है। कंपनी ने एक्सपर्ट मार्केट रिसर्च कंसल्टेंट सर्विसेज डेटा का हवाला देते हुए कहा, ‘आयुर्वेदिक उत्पादों का बाजार वर्ष 2021 से 2026 के बीच 15 प्रतिशत की वर्ष दर वर्ष दर से बढ़ने की उम्मीद है।भाषा राजेश राजेश मनोहरमनोहर
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