नयी दिल्ली, 28 दिसंबर (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय की इकाई डीजीएफटी अगले 15-30 दिन में वॉलमार्ट जैसे विभिन्न वैश्विक ऑनलाइन मंचों के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करेगी। इसके तहत चिह्नित जिलों में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को डिजिटल कैटलॉग बनाने और ई-कॉमर्स मंचों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने बृहस्पतिवार को कहा कि क्षमता निर्माण सत्र से एमएसएमई इमेजिंग, अपने उत्पादों की डिजिटल कैटलॉगिंग और कर सलाहकार सहित अन्य चीजों के बारे में सीख सकेंगे।
उन्होंने कहा, “एमओयू पर हस्ताक्षर 15 दिन से एक महीने के अंदर हो जाएंगे।”
सारंगी ने कहा, “इन समझौतों की व्यापक रूपरेखा में जिला स्तर पर क्षमता निर्माण शामिल है, जहां हमारे कारीगरों, बुनकरों, इच्छुक निर्यातकों को ई-कॉमर्स निर्यात के बारे में विवरण दिया जाएगा कि यह कैसे किया जाता है, इसके बारे में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें बताया जाएगा कि कैटलॉगिंग कैसे की जाती है, तस्वीरें कैसे ली जाती है और उन्हें ई-कॉमर्स मंचों पर कैसे डाला जाता है।”
पिछले महीने, 20 चिन्हित जिलों में एमएसएमई को प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए अमेरिका की कंपनी अमेजन के साथ इसी तरह के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।
विदेश व्यापार महानिदेशालय इस पहल के तहत देश के अन्य जिलों में भी इसी तरह का सहयोग करने के लिए फ्लिपकार्ट/वॉलमार्ट, ईबे, रिवेक्सा, शॉपक्लूज और डीएचएल एक्सप्रेस जैसे कई अन्य ई-कॉमर्स मंचों के साथ बात कर रहा है।
डीजीएफटी देश के आयात और निर्यात संबंधी मामले देखता है।
भाषा अनुराग अजय
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