नयी दिल्ली, 29 सितंबर (भाषा) केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में समूचे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित लक्ष्य का 36 प्रतिशत हो गया। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सरकार की आय एवं व्यय के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा अप्रैल-अगस्त के दौरान वास्तविक संदर्भ में 6.42 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह वित्त वर्ष 2023-24 के लिए निर्धारित लक्ष्य का 36 प्रतिशत है।
पिछले साल की समान अवधि में सरकार का राजकोषीय घाटा कुल बजट अनुमान का 32.6 प्रतिशत रहा था।
वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा गया है।
पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 प्रतिशत रहा था जबकि इसका पिछला अनुमान 6.71 प्रतिशत था।
सीजीए ने अप्रैल-अगस्त 2023 में केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय का आंकड़ा जारी करते हुए कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए शुद्ध कर राजस्व 8.03 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 34.5 प्रतिशत रहा। पिछले साल की समान अवधि में शुद्ध कर राजस्व संग्रह 36.2 प्रतिशत था।
वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में केंद्र सरकार का कुल खर्च 16.71 लाख करोड़ रुपये यानी बजट अनुमान का 37.1 प्रतिशत रहा। एक साल पहले खर्च बजट अनुमान का 35.2 प्रतिशत था।
सरकार के कुल खर्च में से 12.97 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते और 3.73 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में से हुए।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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