एफएमसीजी उद्योग की ग्रामीण खपत मार्च तिमाही में शहरी क्षेत्र से अधिक रहीः रिपोर्ट |

एफएमसीजी उद्योग की ग्रामीण खपत मार्च तिमाही में शहरी क्षेत्र से अधिक रहीः रिपोर्ट

एफएमसीजी उद्योग की ग्रामीण खपत मार्च तिमाही में शहरी क्षेत्र से अधिक रहीः रिपोर्ट

:   Modified Date:  May 7, 2024 / 03:20 PM IST, Published Date : May 7, 2024/3:20 pm IST

नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) भारतीय एफएमसीजी (रोजमर्रा के उपभोग का सामान) उद्योग ने वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर मात्रा के मामले में 6.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। इसके साथ ही पांच तिमाहियों में पहली बार ग्रामीण खपत ने शहरी मांग को पीछे छोड़ दिया है। नील्सनआईक्यू ने एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया है।

उपभोक्ताओं से जुड़ी सूचनाएं मुहैया कराने वाली फर्म नील्सनआईक्यू (एनआईक्यू) ने दैनिक उपभोग वाले उत्पादों (एफएमसीजी) पर जारी तिमाही रिपोर्ट में कहा है कि खाद्य एवं गैर-खाद्य दोनों क्षेत्रों ने खपत बढ़ाने में योगदान दिया, लेकिन भोजन की तुलना में गैर-खाद्य श्रेणी में वृद्धि लगभग दोगुनी रही।

मार्च तिमाही में घरेलू एफएमसीजी उद्योग का मूल्य 6.6 प्रतिशत बढ़ा है जिसका श्रेय अखिल भारतीय स्तर पर मात्रा में 6.5 प्रतिशत वृद्धि को जाता है। मात्रात्मक वृद्धि एक साल पहले की समान तिमाही में 3.1 प्रतिशत रही थी।

एनआईक्यू के उपभोक्ता खंड के प्रमुख रूजवेल्ट डिसूजा ने कहा, ‘‘एफएमसीजी उद्योग की वृद्धि जनवरी-मार्च तिमाही में खपत रुझानों से प्रेरित रही है, जिसमें पांच तिमाहियों में पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों ने शहरी वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है।’’

डिसूजा ने कहा कि खासकर घरेलू एवं व्यक्तिगत देखभाल (एचपीसी) श्रेणियों ने खाद्य श्रेणियों से बेहतर प्रदर्शन किया है। खाद्य श्रेणियों में अधिक इकाइयों की बिक्री हुई है जबकि एचपीसी श्रेणी में वृद्धि काफी हद तक बड़े आकार वाले पैक की लोकप्रियता की वजह से दर्ज हुई है।

एनआईक्यू ने कहा कि शहरी और आधुनिक कारोबार में खपत मंद पड़ी है जबकि ग्रामीण और पारंपरिक कारोबार में तेजी बनी हुई है।

एनआईक्यू ने कहा, ‘‘ग्रामीण मांग वृद्धि ने धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ी है और शहरी क्षेत्र को पीछे छोड़ दिया है। शहरी उपभोक्ता मांग में क्रमिक गिरावट देखी जा रही है।’’

रिपोर्ट कहती है कि अखिल भारतीय स्तर पर खाद्य एवं गैर-खाद्य दोनों क्षेत्रों ने उपभोग वृद्धि में योगदान दिया, लेकिन भोजन की तुलना में गैर-खाद्य में लगभग दोगुनी वृद्धि देखी गई।

एनआईक्यू ने कहा कि एफएमसीजी उद्योग में छोटी कंपनियों की तुलना में बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर है। हालांकि, बीती दो तिमाहियों में बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियों ने गैर-खाद्य श्रेणियों में उच्च मात्रा वृद्धि दर देखी है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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