नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) कोविड-19 महामारी और नए डिजिटल परिचालन के मद्देनजर बैंक और वित्तीय संस्थान धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए जूझ रहे हैं, और ये रुझान जारी रहने की संभावना है। डेलॉयट इंडिया के एक सर्वेक्षण ने सोमवार को यह जानकारी दी गई है।
डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी ने एक बयान में कहा कि अगले दो वर्षों में धोखाधड़ी की घटनाओं में बढ़ोतरी के लिए जिन प्रमुख कारणों की पहचान की गई है, उनमें बड़े पैमाने पर कार्य स्थल ने अलग बैठकर काम करना, ग्राहकों द्वारा शाखा से इतर बैंकिंग माध्यमों का बढ़ता उपयोग, और फॉरेंसिक विश्लेषण साधनों की सीमित उपलब्धता शामिल है।
डेलॉयट ने कहा कि सर्वेक्षण में उसने भारत में स्थित विभिन्न वित्तीय संस्थानों के 70 वरिष्ठ अधिकारियों की राय ली, जो जोखिम प्रबंधन, लेखा परीक्षण, संपत्ति की वसूली जैसे कार्यों के लिए जिम्मेदार हैं।
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थानों में निजी, सार्वजनिक, विदेशी, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक शामिल थे।
डेलॉयट इंडिया बैंकिंग धोखाधड़ी सर्वेक्षण में कहा गया, ‘‘कोविड-19 महामारी और नए डिजिटल परिचालन के मद्देनजर बैंक और वित्तीय संस्थान धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’’
सर्वेक्षण में 78 प्रतिशत लोगों ने आशंका जताई कि अगले दो वर्षों में धोखाधड़ी के मामले बढ़ सकते हैं।
भाषा पाण्डेय अजय
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