Medicines Price Hike on 1 april

1 अप्रैल से जनता को लगेगा महंगाई का एक और झटका, इन जरूरी दवाओं की कीमतों में होगी बढ़ोतरी

Medicines Price Hike : महंगाई की मार झेल रही आम जनता को एक और बड़ा झटका लगने वाले हैं। पहले से सभी चीजों की बढ़ी कीमतों के बाद

Edited By :   Modified Date:  March 28, 2023 / 01:11 PM IST, Published Date : March 28, 2023/1:11 pm IST

नई दिल्ली : Medicines Price Hike : महंगाई की मार झेल रही आम जनता को एक और बड़ा झटका लगने वाले हैं। पहले से सभी चीजों की बढ़ी कीमतों के बाद अब जरूरी दवाओं के दामों में भी बढ़ोतरी होने वाली है। एक अप्रैल से पेनकिलर्स से लेकर एंटीबायोटिक समेत कई जरूरी दवाओं के दाम बढ़ने वाले हैं। सरकार एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) में बदलाव के अनुरूप दवा कंपनियों को बढ़ोतरी की अनुमति देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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दवाओं की कीमतें में हो सकती है 12 प्रतिशत तक बढ़ोतरी

Medicines Price Hike : बता दें कि दवा मूल्य नियामक नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) ने सोमवार को कहा कि सरकार द्वारा अधिसूचित एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) में वार्षिक परिवर्तन 2022 के आधार पर दाम 12.12% तक बढ़ाए जा सकते हैं। बता दें कि फार्मा कंपनियां काफी समय से बढ़ती महंगाई को देखते हुए दवाओं की कीमत बढ़ाने की मांग कर रही हैं।

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900 दवाओं की कीमतों में हो सकता है इजाफा

Medicines Price Hike : एक रिपोर्ट के अनुसार, पेनकिलर्स, ऐंटी-इन्‍फेक्टिव्‍स, ऐंटीबायोटिक्‍स और दिल की दवाओं समेत करीब 900 दवाओं की कीमत में 12% से ज्‍यादा का इजाफा हो सकता है। यह लगातार दूसरा साल है, जब गैर-अनुसूचित दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी की अनुमत वृद्धि से अधिक है। बता दें कि शेड्यूल्ड ड्रग्स वो दवाएं होती हैं, जिनकी कीमतों पर नियंत्रण होता है। जबकि बाकी अन्य दवाएं नॉन-शेड्यूल्ड ड्रग्स की कैटेगरी में आती हैं और इनकी कीमतों में 10 फीसदी तक इजाफा किया जा सकता है। हालांकि, नियमों के अनुसार नॉन-शेड्यूल दवाओं के दाम बिना सरकार की अनुमति के नहीं बढ़ाए जा सकते।

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इस आधार पर बढ़ाई जाती हैं दवाओं की कीमतें

Medicines Price Hike : दवा मूल्य नियामक नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) को हर साल 1 अप्रैल या उससे पहले पिछले कैलेंडर वर्ष के एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स (WPI) के अनुसार अनुसूचित फॉर्मूलेशन की अधिकतम कीमत को संशोधित करने की अनुमति है। इसको लेकर ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर 2013 के क्लॉज 16 में नियम बना हुआ है। इसी आधार पर एनपीपीए हर साल दवाओं की कीमतों में संशोधन करता है और नई कीमतें 1 अप्रैल से लागू होती हैं।

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