कॉरपोरेट बांड से जुटाए गए कोष में आई 24 फीसदी की गिरावट |

कॉरपोरेट बांड से जुटाए गए कोष में आई 24 फीसदी की गिरावट

कॉरपोरेट बांड से जुटाए गए कोष में आई 24 फीसदी की गिरावट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : April 15, 2022/3:46 pm IST

नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) सूचीबद्ध कंपनियों के कॉरपोरेट बांड के निजी नियोजन के जरिये जुटाया गया कोष वित्त वर्ष 2021-22 में घटकर 5.88 लाख करोड़ रुपये पर आ गया जो पिछले छह वर्षों का सबसे निचला स्तर है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के मुताबिक, हाल में समाप्त वित्त वर्ष में कॉरपोरेट बांड के जरिये जुटाई गई राशि में आई इस गिरावट की वजह शेयर बाजार के बढ़िया प्रदर्शन के अलावा कम ब्याज दर पर बैंकों की तरफ से आक्रामक तरीके से वित्त मुहैया करानी भी रही।

सेबी के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में कॉरपोरेट बांड के जरिये रिकॉर्ड 7.72 लाख करोड़ रुपये का कोष सूचीबद्ध कंपनियों ने जुटाया था। इस तरह वित्त वर्ष 2021-22 में कॉरपोरेट बांड के जरिये जुटाई गई रकम में 24 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।

जानकारों का मानना है कि अगर चालू वित्त वर्ष में अधिक सरकारी उधारी और प्रतिकूल ब्याज दरें खेल नहीं बिगाड़ती हैं तो बांड के जरिये वित्त जुटाने की गतिविधियां मजबूत रह सकती हैं। सुधरते आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए कंपनियों से कर्ज की मांग बढ़ने से ऐसा होने की संभावना है।

फर्स्ट वाटर कैपिटल फंड के लीड स्पांसर रिकी कृपलानी कहते हैं, ‘वित्त वर्ष 2022-23 में बांड के जरिये ऋण लेने की दर बढ़नी चाहिए क्योंकि भारतीय कंपनी जगत ने पूंजीगत व्यय के अगले चरण की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। इसके अलावा ब्याज दर बढ़ने की संभावना के बीच जोखिम उठाने वाले निवेशकों को बांड से बढ़िया रिटर्न मिलना चाहिए।’

क्रेडएवेन्यू के मुख्य कारोबार अधिकारी विभोर मित्तल का मत है कि बेहतर होते आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए ऋण बाजार में बांड जारी होने की दर बढ़ रही है।

हालांकि सरकारी उधारी की दर बढ़ने की स्थिति में निजी आवंटन पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। वित्त वर्ष 2021-22 में कॉरपोरेट बांड के निजी आवंटन के जरिये जुटाई गई राशि घटकर 5.88 लाख करोड़ रुपये पर आ गई।

यह वित्त वर्ष 2015-16 के बाद का सबसे निचला स्तर है जब इस मद में सिर्फ 4.58 लाख करोड़ रुपये का वित्त ही जुटाया जा सका था।

अगर जारी किए गए बांड को देखें तो वर्ष 2021-22 में जहां 1,405 निर्गम जारी किए गए वहीं 2020-21 में यह संख्या 1,995 थी।

अजालिया कैपिटल पार्टनर्स के प्रबंध साझेदार अभिजीत श्रीवास्तव का कहना है कि बांड जारी करने की दर में आई इस गिरावट के पीछे कार्यशील पूंजी की जरूरत घटने की भी भूमिका हो सकती है।

भाषा

प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)