सरकार ने कोयले का लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा तैयार करने को नीति बनायी

सरकार ने कोयले का लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा तैयार करने को नीति बनायी

सरकार ने कोयले का लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा तैयार करने को नीति बनायी
Modified Date: February 29, 2024 / 06:55 pm IST
Published Date: February 29, 2024 6:55 pm IST

नयी दिल्ली, 29 फरवरी (भाषा) केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने देश में कोयले के लिए लॉजिस्टिक बुनियादी ढांचा विकसित करने को लेकर बृहस्पतिवार को कोयला लॉजिस्टिक योजना एवं नीति की शुरुआत की।

जोशी ने कहा कि बिजली उत्पादन में कोयले की मांग बढ़ने से कोयला खनन के विस्तार और उसकी निकासी के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने इस नीति की घोषणा के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘हमने बढ़ती मांग के बीच कोयला लॉजिस्टिक नीति, एकीकृत कोयला लॉजिस्टिक योजना और अग्रणी खदान संपर्क परियोजनाओं जैसी पहल की है। इनका मकसद लागत-कुशल, टिकाऊ और मजबूत लॉजिस्टिक ढांचा तैयार करना है।’

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जोशी ने कहा कि देश का घरेलू कोयला उत्पादन भी 31 मार्च तक एक अरब टन हो जाने का अनुमान है, जो एक ऐतिहासिक आंकड़ा होगा। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का कुल कोयला उत्पादन 89.3 करोड़ टन था।

उन्होंने कहा, ‘हम आने वाले वर्षों में उत्पादन में वृद्धि दर्ज करना जारी रखेंगे, इसलिए हमें उत्पादन में वृद्धि के अनुरूप बुनियादी ढांचे की जरूरत है।’

कोयला निकासी के लिए तकनीकी रूप से उन्नत, एकीकृत, किफायती, प्रभावी, लचीली, टिकाऊ और भरोसेमं लॉजिस्टिक पारिस्थितिकी तैयार करने के लिए दूरदर्शी दृष्टिकोण के साथ एकीकृत कोयला लॉजिस्टिक योजना एवं नीति तैयार की गई है।

इस रणनीतिक प्रारूप का लक्ष्य वित्त वर्ष 2029-30 तक कोयला क्षेत्र में मांग और आपूर्ति में तेजी लाना है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण


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