नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) सरकार ने शनिवार को हरित हाइड्रोजन मानकों को जारी किया। साथ ही इसकी परिभाषा में इलेक्ट्रोलिसिस और बायोमास-आधारित तरीकों को भी शामिल किया गया।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ”राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत सरकार ने भारत के लिए हरित हाइड्रोजन मानकों को अधिसूचित किया है।”
मंत्रालय ने जारी किए गए मानकों के तहत उत्सर्जन की सीमा भी तय की है, जिन्हें पूरा करने पर ही उत्पादित हाइड्रोजन को ‘हरित’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
अधिसूचना के मुताबिक परिभाषा के दायरे में इलेक्ट्रोलिसिस आधारित और बायोमास आधारित हाइड्रोजन उत्पादन विधियां शामिल हैं।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने कई हितधारकों के साथ चर्चा के बाद यह तय किया कि ग्रीन हाइड्रोजन में उत्सर्जन दो किग्रा सीओ2 समतुल्य प्रति किग्रा एच2 से अधिक नहीं होगा।
भाषा पाण्डेय
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