सरकार की सकल देनदारियां दिसंबर अंत तक बढ़कर 160.69 लाख करोड़ रुपये: वित्त मंत्रालय |

सरकार की सकल देनदारियां दिसंबर अंत तक बढ़कर 160.69 लाख करोड़ रुपये: वित्त मंत्रालय

सरकार की सकल देनदारियां दिसंबर अंत तक बढ़कर 160.69 लाख करोड़ रुपये: वित्त मंत्रालय

:   Modified Date:  March 28, 2024 / 08:55 PM IST, Published Date : March 28, 2024/8:55 pm IST

नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि सरकार की कुल देनदारी दिसंबर, 2023 को समाप्त तिमाही में मामूली बढ़कर 160.69 लाख करोड़ रुपये रही। यह सितंबर के अंत में 157.84 लाख करोड़ रुपये थी।

सार्वजनिक ऋण प्रंबंधन पर तिमाही रिपोर्ट (अक्टूबर-दिसंबर 2023) के अनुसार, तिमाही आधार पर कुल देनदारी में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के दौरान सार्वजनिक ऋण कुल सकल देनदारियों का 90 प्रतिशत था।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘तिमाही के दौरान, घरेलू बॉन्ड पर प्रतिफल शुरू में बढ़ा लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट, अक्टूबर और नवंबर के लिए उम्मीद से कम उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और भारतीय सरकारी बॉन्ड (आईजीबी) के वैश्विक उभरते बाजार सूचकांक में शामिल होने की संभावना की खबर से इसमें नरमी आई।’’

इसके अलावा, दीर्घकालिक निवेशकों की मांग को पूरा करने के लिए 50 साल की काफी लंबी अवधि वाली सरकारी प्रतिभूति पेश की गयी। दूसरी ओर, तिमाही के दौरान अमेरिकी ट्रेजरी पर रिटर्न अस्थिर रहा। इसका कारण मुख्य रूप से अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के कदम, मुद्रास्फीति और रोजगार आंकड़े थे।

रिपोर्ट में कहा गया है कि एक वर्ष से कम समय में परिपक्व होने वाली प्रतिभूतियों (दिनांकित प्रतिभूतियों) का अनुपात दिसंबर, 2023 के अंत में 4.1 प्रतिशत (सितंबर 2023 के अंत में 4.6 प्रतिशत) रहा। दिसंबर, 2023 के अंत में एक से पांच साल के भीतर परिपक्व होने वाले प्रतिभूतियों का अनुपात 21.8 प्रतिशत था, जो सितंबर, 2023 के अंत के 23 प्रतिशत से कम है।

अगले पांच साल में परिपक्व होने वाला बॉन्ड दिसंबर, 2023 के अंत में कुल बकाया ऋण का 25.9 प्रतिशत हो गया। यह औसतन बकाये का 5.2 प्रतिशत है। ऐसे में अगले पांच वर्षों में हर साल 5.2 प्रतिशत चुकाने की जरूरत होगी।

मंत्रालय ने कहा कि रिपोर्ट तिमाही के दौरान सार्वजनिक ऋण प्रबंधन और नकदी प्रबंधन संचालन का लेखा-जोखा प्रदान करती है और ऋण प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी देती है।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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