जीएसटी परिषद की बैठक में ‘गड़बड़ियों’ को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर होगा निर्णय |

जीएसटी परिषद की बैठक में ‘गड़बड़ियों’ को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर होगा निर्णय

जीएसटी परिषद की बैठक में ‘गड़बड़ियों’ को अपराध की श्रेणी से बाहर करने पर होगा निर्णय

:   Modified Date:  December 13, 2022 / 07:45 PM IST, Published Date : December 13, 2022/7:45 pm IST

नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ी गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से अलग करने और जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के गठन पर निर्णय किये जाने की संभावना है। परिषद की बैठक 17 दिसंबर को होनी है।

सूत्रों ने कहा कि जीएसटी परिषद की विधि समिति ने रिपोर्ट में जीएसटी के तहत अपराधों के लिये अभियोजन चलाने को लेकर मौद्रिक सीमा बढ़ाने का सुझाव दिया है। समिति में केंद्र और राज्यों के विधि अधिकारी शामिल हैं।

विधि समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि कारोबार सुगमता के लिये जीएसटी में अपराधों के निपटान को लेकर जुर्माने की राशि को कम किया जाए।

इसके अलावा, परिषद ‘ऑनलाइन गेमिंग’, कसीनो और घुड़दौड़ पर कराधान से संबंधित मुद्दों पर विचार कर सकती है।

परिषद द्वारा गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) को ‘ऑनलाइन गेमिंग’, कसीनो और घुड़दौड़ पर कर की दर के बारे में निर्णय करना है। समूह ने पिछले महीने इस बारे में विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी कर ली।

ऐसा समझा जाता है कि जीओएम ने ‘ऑनलाइन गेमिंग’, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की है। भले ही वह कौशल पर आधारित खेल हो या फिर किस्मत आधारित। हालांकि, इस बात पर सहमति नहीं है कि पोर्टल द्वारा वसूले जाने पर शुल्क पर कर लगाया जाए या फिर प्रतिभागियों से दांव लगाने को लेकर प्राप्त राशि पर।

हालांकि, जीओएम ने अभी अपनी रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्री को नहीं दी है। समूह परिषद की शनिवार को होने वाली बैठक से पहले अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंप सकता है।

जीएसटी में गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से हटाने के संदर्भ में विधि समिति ने अभियोजन चलाने की सीमा मौजूदा पांच करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये करने का सुझाव दिया है।

सूत्रों के अनुसार, परिषद की 17 दिसंबर को ‘ऑनलाइन’ होने वाली बैठक में माल एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण के गठन पर भी विचार किया जा सकता है। जीओएम ने सुझाव दिया है कि न्यायाधिकरणों में दो न्यायिक सदस्य और केंद्र तथा राज्यों एक-एक तकनीकी सदस्य होने चाहिए। इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश इसके अध्यक्ष होंगे।

भाषा

रमण अजय

अजय

 

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