(नीलाभ श्रीवास्तव)
नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जिन धनशोधन मामलों की जांच की है, उनमें से आधे बैंक धोखाधड़ी, पोंजी और सरकारी धन की हेराफेरी से जुड़े हैं।
ईडी को 16 साल पहले गंभीर वित्तीय अपराधों की जांच करने का अधिकार दिए जाने के बाद जांच एजेंसी ने अब तक जिन मामलों की जांच की है, लगभग आधे मामले बैंक कर्ज में धोखाधड़ी, पोंजी योजनाओं के जरिए निवेशकों से ठगी और सरकारी धन की हेराफेरी से संबंधित हैं।
ईडी की जांच के दायरे में सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले 20 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं। इन मामलों में सात साल तक के कठोर कारावास (तीन साल से कम नहीं) का प्रावधान है। मादक पदार्थों की तस्करी में धनशोधन का अपराध साबित होने पर 10 साल तक सजा हो सकती है।
पीटीआई-भाषा को मिले आंकड़ों के अनुसार ईडी ने जुलाई 2005 से नवंबर 2021 के बीच धनशोधन के कुल 4,637 मामले दर्ज किए। इनमें से सबसे ज्यादा 1,024 मामले या 22 प्रतिशत धोखाधड़ी और जालसाजी से संबंधित अपराधों के थे। इसके बाद सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में भ्रष्टाचार के 927 मामले दर्ज हुए, जो कुल मामलों का करीब 20 प्रतिशत है।
एजेंसी ने बैंक ऋण धोखाधड़ी की जांच के लिए 769 मामले दर्ज किए, जो कुल मामलों का 16.58 प्रतिशत है। इसी तरह पोंजी या निवेशकों से धोखाधड़ी करके जमा प्राप्त करने वाली योजनाओं की जांच के लिए 297 मामले (6.40 प्रतिशत) दर्ज किए गए। सरकारी धन की हेराफेरी की जांच के लिए 193 (चार प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Extra Income Ideas: जितनी सैलरी उतनी ही अलग से होगी…
12 hours ago