ओला के सीईओ ने माइक्रोसॉफ्ट से किनारा करते हुए कहा, भारत को अपने तकनीकी मंच की जरूरत |

ओला के सीईओ ने माइक्रोसॉफ्ट से किनारा करते हुए कहा, भारत को अपने तकनीकी मंच की जरूरत

ओला के सीईओ ने माइक्रोसॉफ्ट से किनारा करते हुए कहा, भारत को अपने तकनीकी मंच की जरूरत

:   Modified Date:  May 13, 2024 / 05:20 PM IST, Published Date : May 13, 2024/5:20 pm IST

नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) माइक्रोसॉफ्ट और उसकी अनुषंगी कंपनी लिंक्डइन को फटकार लगाते हुए ओला के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) भाविश अग्रवाल ने एक पोस्ट में कहा कि भारत को अपने खुद का तकनीकी मंच स्थापित करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पश्चिम के बड़े तकनीकी एकाधिकार के चलते सांस्कृतिक दखल और शासन से बचने के लिए ऐसा करना जरूरी है।

अग्रवाल ने माइक्रोसॉफ्ट का बहिष्कार करते हुए कहा कि ओला, जो माइक्रोसॉफ्ट एज्योर की एक ग्राहक है, अब इसकी सेवाएं नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि ओला एक सप्ताह में अपना पूरा काम अपने घरेलू क्रुट्रिम क्लाउड पर स्थानांतरित कर देगी।

इससे पहले लिंक्डइन ने उनकी उस पोस्ट को हटा दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि लिंक्डइन का एआई भारतीय उपयोगकर्ताओं पर राजनीतिक विचारधारा थोप रहा है। इसके बाद सीईओ की उक्त प्रतिक्रिया आई।

उन्होंने एक जेनरेटिव एआई प्रतिक्रिया का स्क्रीनशॉट साझा किया था, जिसमें अग्रवाल के लिए ”वे / उनके” सर्वनाम का इस्तेमाल किया गया था।

उन्होंने ‘सर्वनाम बीमारी’ की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह चलन भारत तक नहीं पहुंचेगा।

अग्रवाल ने बाद में लिखा, ‘‘जिस सर्वनाम मुद्दे के बारे में मैंने लिखा, वह अधिकार की एक जागृत राजनीतिक विचारधारा है, जो भारत में नहीं है। मैं इस बहस में शामिल नहीं होता, लेकिन लिंक्डइन ने स्पष्ट रूप से माना है कि भारतीयों को हमारे जीवन में सर्वनाम की जरूरत है, और हम इसकी आलोचना नहीं कर सकते। वे हमें उनके साथ सहमत होने के लिए धमकाएंगे या हमें नकार देंगे।’’

अग्रवाल ने भारतीय डेवलपर समुदाय से डीपीआई (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर) सोशल मीडिया फ्रेमवर्क बनाने का आह्वान भी किया।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी भी कॉरपोरेट व्यक्ति को यह तय करने का अधिकार नहीं होना चाहिए कि क्या प्रतिबंधित किया जाएगा। डेटा का स्वामित्व कॉरपोरेट के बजाय रचनाकारों के पास होना चाहिए। वे हमारे डेटा का उपयोग करके पैसा कमाते हैं और फिर हमें ‘सामुदायिक दिशानिर्देशों’ पर उपदेश देते हैं।”

अग्रवाल ने आगे लिखा, ‘‘चूंकि, लिंक्डइन का स्वामित्व माइक्रोसॉफ्ट के पास है और ओला एज्योर का एक बड़ा ग्राहक है, इसलिए हमने अगले सप्ताह से अपने पूरे काम को एज्योर से हटाकर अपने क्रुट्रिम क्लाउड पर लाने का निर्णय लिया है।’’

उन्होंने कहा कि वह वैश्विक तकनीकी कंपनियों के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन एक भारतीय नागरिक के रूप में उनकी चिंता है कि उनका जीवन पश्चिम की बड़ी तकनीकी कंपनियों के एकाधिकार से न चले।

भाषा

पाण्डेय अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)