नयी दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा) भू-राजनीतिक तनाव के बीच कुछ प्रमुख वैश्विक बाजारों में सुस्ती के बावजूद वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात बढ़कर 109 अरब डॉलर का हो गया। इंजीनियरिंग निर्यात संवर्द्धन परिषद (ईईपीसी) ने सोमवार को यह जानकारी दी।
इसने कहा कि भारत का इंजीनियरिंग निर्यात विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धी है और आने वाले वर्षों में देश के और अधिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) करने से बाजार हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद है।
इंजीनियरिंग सामान निर्यातकों के शीर्ष निकाय को उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक इस क्षेत्र से निर्यात का मूल्य बढ़कर 300 अरब डॉलर हो जाएगा और इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण संख्या में नौकरियां और विदेशी मुद्रा आय उत्पन्न होगी।
विशेष रूप से, इंजीनियरिंग क्षेत्र भारत के कुल निर्यात में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, और यह देश के कुल विनिर्माण निर्यात में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान देता है।
ईईपीसी इंडिया के चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा, ‘‘कुछ प्रमुख वैश्विक बाजारों में मंदी, भू-राजनीतिक तनाव, लाल सागर संकट और उच्च माल ढुलाई दरों के बावजूद 2023-24 में इंजीनियरिंग सामान का निर्यात पिछले वर्ष के आंकड़ों को लांघ गया।’’
सोमवार को जारी वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में इंजीनियरिंग निर्यात, पिछले वित्त वर्ष के 107.04 अरब डॉलर से बढ़कर 109.31 अरब डॉलर हो गया। इस प्रकार इसमें 2.13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
ईईपीसी के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 मजबूत रुख लिए बंद हुआ। मार्च में इंजीनियरिंग निर्यात सालाना आधार पर 10.66 प्रतिशत बढ़कर 11.28 अरब डॉलर का हो गया, जो पिछले साल के इसी महीने में 10.19 अरब डॉलर था।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
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