वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच एफटीए भागीदारों से भारत का आयात 38 प्रतिशत बढ़ा:जीटीआरआई |

वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच एफटीए भागीदारों से भारत का आयात 38 प्रतिशत बढ़ा:जीटीआरआई

वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच एफटीए भागीदारों से भारत का आयात 38 प्रतिशत बढ़ा:जीटीआरआई

:   Modified Date:  May 13, 2024 / 12:22 PM IST, Published Date : May 13, 2024/12:22 pm IST

नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) भारत का संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे मुक्त व्यापार समझौते वाले देशों से माल का आयात वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच करीब 38 प्रतिशत बढ़कर 187.92 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) के अनुसार, एफटीए (मुक्त व्यापार समझौता) भागीदारों को देश का निर्यात 2018-19 में 107.20 अरब अमेरिकी डॉलर से 2023-24 में 14.48 प्रतिशत बढ़कर 122.72 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।

शोध संस्थान ने कहा, ‘‘ भारत का आयात वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के बीच करीब 37.97 प्रतिशत बढ़कर 187.92 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया। यह वृद्धि भारत की वैश्विक व्यापार गतिशीलता पर मुक्त व्यापार समझौतों के महत्वपूर्ण तथा विविध प्रभाव को दर्शाती है।’’

आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में संयुक्त अरब अमीरात में भारत का निर्यात 2023-24 में 18.25 प्रतिशत बढ़कर 35.63 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि 2018-19 में यह 30.13 अरब अमेरिकी डॉलर था। आयात वित्त वर्ष 2018-19 में 29.79 अरब अमेरिकी डॉलर से 61.21 प्रतिशत बढ़कर 48.02 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया।

भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एफटीए मई 2022 में लागू हुआ था।

इसी तरह ऑस्ट्रेलिया, जापान, 10 देशों वाले दक्षिणपूर्व एशियाई गुट आसियान और दक्षिण कोरिया के साथ भी एफटीए के बाद निर्यात और आयात में बढ़ोतरी हुई है।

भारत विश्व व्यापार में 1.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ निर्यात में विश्व स्तर पर 17वें स्थान पर है। आयात के मोर्चे पर वैश्विक व्यापार में 2.8 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ देश आठवें स्थान पर है।

वित्त वर्ष 2023-24 में हालांकि भारत का व्यापारिक निर्यात 3.11 प्रतिशत गिरकर 437.1 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया और आयात भी 5.4 प्रतिशत घटकर 677.2 अरब अमेरिकी डॉलर रहा।

अजय श्रीवास्तव जीटीआरआई के सह-संस्थापक हैं। वह एक भारतीय व्यापार सेवा अधिकारी थे। मार्च 2022 में वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लिया। उनके पास व्यापार नीति निर्माण, डब्ल्यूटीओ और एफटीए वार्ता का अनुभव है।

भाषा निहारिका

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