पी- नोट के जरिये निवेश दिसंबर में 87,132 करोड़ रुपये पर पहुंचा, 31 माह में सर्वाधिक | Investment through P-Note reaches Rs 87,132 crore in December, highest in 31 months

पी- नोट के जरिये निवेश दिसंबर में 87,132 करोड़ रुपये पर पहुंचा, 31 माह में सर्वाधिक

पी- नोट के जरिये निवेश दिसंबर में 87,132 करोड़ रुपये पर पहुंचा, 31 माह में सर्वाधिक

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : January 19, 2021/1:43 pm IST

नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) घरेलू पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट (पी- नोट्स) के जरिये निवेश दिसंबर 2020 के अंत में 87,132 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह पिछले 31 माह का सबसे ऊंचा आंकड़ा है। इससे देश में निवेश को लेकर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के रुख का पता चलता है।

पी- नोट भारत में पंजीकृत एफपीआई द्वारा जारी किये जाते हैं। एफपीआई ये नोट ऐसे विदेशी निवेशकों को जारी करते हैं जो कि भारतीय बाजारों में खुद पंजीकृत हुये बिना निवेश करना चाहते हैं। हालांकि पी- नोट के जरिये निवेश करने से पहले उन्हें जांच पड़ताल की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।

सेबी के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय बाजारों में पी- नोट का मूल्य दिसंबर अंत में बढ़ाकर 87,132 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इससे पहले नवंबर अंत में यह मूल्य 83,114 करोड़ रुपये पर था। इसमें शेयर, रिण पत्र और अन्य मिली जुली प्रतिभूतियों में किया जाता है।

आंकड़े बताते हैं कि पी- नोट के जरिये किया गया यह निवेश मई 2018 के बाद सबसे ऊंचा है जब निवेश का आंकड़ा 93,497 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।

कोरोना वायरस महामारी फैलने के समय मार्च में यह निवेश 15 साल के निम्न्स्तर 48,006 करोड़ रुपये तक नीचे आ गया था। उस समय वैश्विक बाजारों में काफी उठापटक चल रही थी। उसके बाद यह धीरे धीरे बढ़ना शुरू हुआ और अप्रैल में 57,100 करोड़ रुपये, मई में 60,027 करोड़ रुपये, जून में 62,138 करोड़ रुपये, जुलाई में 63,228 करोड़ रुपये और अगसत में 74,027 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। सितंबर 2020 में यह घटकर 69,820 करोड़ रुपये रह गया लेकिन अक्टूबर में फिर बढ़कर 78,686 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

दिसंबर अंत तक निवेश की गई 87,132 करोड़ रुपये की राशि में से 78,870 करोड़ रुपये शेयरों में निवेश किये गये हैं जबकि 7,562 करोड़ रुपये रिण पत्रों में और 700 करोड़ रुपये हाईब्रिड प्रतिभूतियों में निवेश किये गये हैं।

भाषा

महाबीर मनोहर

मनोहर

 

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