गांधीनगर, 19 अगस्त (भाषा) गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) को अकाउंटिंग, लेखा-परीक्षा और कार्यालय संबंधी वित्तीय कार्यों का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए जल्दी ही कानूनी ढांचा तैयार किया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को गिफ्टी-आईएफएससी के विकास और वृद्धि संबंधी बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि इस कानूनी ढांचे की मदद से अकाउंटिंग, लेखा-परीक्षा और कराधान संबंधी पेशेवरों को गिफ्ट सिटी से अपनी सेवाएं देने में मदद मिलेगी।
सीतारमण ने 2022 में यहां पेश किए गए भारतीय अंतरराष्ट्रीय सर्राफा बाजार – आईएफएससी (आईआईबीएक्स) की अधिकतम क्षमता का उपयोग करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे बिचौलियों के बिना अच्छी कीमत पाने में मदद मिलेगी।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से यूएई के साथ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) के तहत आईआईबीएक्स के जरिए प्रयोग के तौर पर टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) वाले सोने का आयात करने को कहा।
उन्होंने कहा कि ऐसा करने से भारतीय बैंक आईआईबीएक्स मंच का कुशलतापूर्वक उपयोग कर सकेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) और भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई), दोनों से कहा कि गिफ्ट को एक प्रमुख वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए वे बीमा और पुनर्बीमा के लिए अग्रणी वैश्विक बीमा कंपनियों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अधिक से अधिक व्यापार हासिल करने और बड़े पैमाने पर निवेश पैदा करने के लिए प्राथमिकताएं तय की जानी चाहिए।
बयान के मुताबिक उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कल्पना की है कि गिफ्ट सिटी को न केवल एक जीवंत अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभरना चाहिए, बल्कि जटिल वित्तीय चुनौतियों का समाधान तैयार करने में इसे दुनिया भर का नेतृत्व भी करना चाहिए।”
सीतारमण ने कहा कि कीमती धातुओं के लिए लॉजिस्टिक, वैश्विक बीमा और विमान पट्टे जैसे उभरते विशिष्ट क्षेत्रों को गिफ्ट सिटी से दी जाने वाली सेवाओं के पोर्टफोलियो का विस्तार करना चाहिए।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
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