नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) भारत का वस्तुओं का निर्यात अमेरिका समेत प्रमुख वैश्विक बाजारों में अच्छी मांग के कारण चालू वित्त वर्ष में 500 अरब डॉलर के आंकड़े को पार सकता है। वस्तुओं के निर्यात को व्यापार समझौतों से भी फायदा मिलेगा।
निर्यातकों ने उम्मीद जताते हुए कहा, “रूस जैसे अन्य देश भारत के निर्यात, विशेषकर कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों को उछाल देंगे।”
भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) ने कहा कि वे चालू वित्त वर्ष के दौरान निर्यात को 500 -510 अरब डालर तक ले जाने का लक्ष्य बना रहे हैं।
सेवा निर्यात के चालू वित्त वर्ष में 390 अरब डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है, जो 2022-23 में 322.72 अरब डॉलर था।
फियो के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा, “हमारा चालू वित्त वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात का लक्ष्य 900 अरब डॉलर है।”
उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) से इन क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए विशाल मंच मिलेगा।
सहाय ने कहा, “उत्पादन संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलए) योजना भी हमारे निर्यात को गति प्रदान करेगी और घरेलू उत्पादन इनके कारण बढ़ेगा।”
लुधियाना के इंजीनियरिंग निर्यातक और हैंड टूल एसोसिएशन के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि अमेरिका में आर्थिक वृद्धि के अच्छे संकेत मिल रहे हैं और भारत के कुल निर्यात का लगभग 18 प्रतिशत वहीं होता है।
उन्होंने कहा, “बही-खाते अच्छे हैं और उम्मीद है कि मौजूदा बाजार चलन के अनुसार, हमारा निर्यात इस वित्त वर्ष 500 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।”
भारत का निर्यात 2021-22 के 422 अरब डॉलर की तुलना में 2022-23 में लगभग छह प्रतिशत वृद्धि के साथ 447.5 अरब डॉलर रहा है।
भाषा अनुराग अजय
अजय
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)