नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने कृषि ऋणों को लेकर तेजी से निर्णय लेने में मददगार प्रणाली बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की शाखा आरबीआईएच के साथ साझेदारी की है।
नाबार्ड ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह अपने ई-केसीसी ऋण मंच को आरबीआई के पूर्ण-स्वामित्व वाली अनुषंगी रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच) के पब्लिक टेक प्लेटफॉर्म फॉर फ्रिक्शनलेस क्रेडिट (पीटीपीएफसी) के साथ एकीकृत करेगा।
नाबार्ड ने सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) के लिए डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण प्रसंस्करण की सुविधा के लिए एक ऋण प्रणाली मंच विकसित किया है।
नाबार्ड के चेयरमैन शाजी के. वी. ने कहा, ‘‘कृषि ऋणों के डिजिटलीकरण से बैंकों की दक्षता में सुधार होने के साथ किसानों को त्वरित ऋण वितरण सुनिश्चित होगा, जिससे ग्रामीण समृद्धि को बढ़ावा देने के नाबार्ड का मिशन आगे बढ़ेगा।’’
साझेदारी समझौते पर नाबार्ड के चेयरमैन के अलावा आरबीआईएच के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजेश बंसल ने हस्ताक्षर किए।
बयान के मुताबिक, यह भागीदारी कर्ज देने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करेगी और देश के 12 करोड़ किसानों के लिए ऋण मिलने का समय तीन-चार सप्ताह से घटाकर केवल पांच मिनट कर देगी।
भाषा निहारिका प्रेम
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