नयी दिल्ली, 24 नवंबर (भाषा) भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कर चोरी सहित वित्तीय अपराधों का पता लगाने के लिए आधार से जुड़ी प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल का प्रस्ताव रखा।
एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) दिलीप असबे ने कहा कि ऐसी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल तीन-चार वर्षों में किया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘कर चोरी हमारे देश में एक बड़ा मुद्दा है। आज पैन और आधार को आपस में जोड़ने के साथ, जब किसी ग्राहक के पास कई बैंकों में खाता है, तो आधार वहां जुड़ा हुआ है। हम संदिग्ध मामलों के लिए डेटा पर थोड़ी और नजर क्यों नहीं रख सकते ताकि यह पता लगा सकें कि क्या देश में कर चोरी हो रही है?’
असबे ने कहा कि जनता की भलाई के लिए आधार के कई इस्तेमाल संभव हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि इसका इस्तेमाल तीन-चार साल में किया जाएगा, लेकिन क्या हम इतना समय इंतजार कर सकते हैं?’
अधिकारी ने कहा कि एक विशिष्ट पहचान पत्र के तौर पर आधार का काफी महत्व है लेकिन अब भी इसका पूरा दोहन नहीं किया गया है।
भाषा
प्रणव अजय
अजय
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