मध्यस्थता पर ओएनजीसी के रुख से शीर्ष अदालत नाराज, अटॉर्नी जनरल से मामला सुलझाने को कहा |

मध्यस्थता पर ओएनजीसी के रुख से शीर्ष अदालत नाराज, अटॉर्नी जनरल से मामला सुलझाने को कहा

मध्यस्थता पर ओएनजीसी के रुख से शीर्ष अदालत नाराज, अटॉर्नी जनरल से मामला सुलझाने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : December 1, 2021/7:55 pm IST

नयी दिल्ली, एक दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक वाणिज्यिक विवाद के समाधान के लिए नियुक्त मध्यस्थों का सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) द्वारा ‘अपमान’ करने को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया। पीठ ने कहा कि कंपनी ने मध्यस्थों द्वारा निर्धारित शुल्क का भुगतान नहीं कर उनका अपमान किया और मामले का हल करने के लिए अटॉर्नी जनरल की मदद मांगी।

शीर्ष अदालत ने चार जनवरी को कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जय नारायण पटेल, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश शिवाक्स जल वजीफदार को मेसर्स श्लामबर्जर एशिया सर्विसेज लिमिटेड और ओएनजीसी के बीच विवाद पर फैसले के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया था।

न्यायमूर्ति वजीफदार द्वारा खुद को इस मामले से अलग करने के बाद बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एस सी धर्माधिकारी को मध्यस्थ नियुक्त किया गया था। शीर्ष अदालत ने आदेश दिया था कि शुल्क मध्यस्थों द्वारा तय किया जाएगा और सभी पक्षों को इसे समान रूप से वहन करना होगा।

तीन न्यायधीशों की पीठ की अगुवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश एन वी रमण ने कहा, ‘‘आप अपने आप को क्या समझते हैं? यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप हमारे आदेश के अनुसार पूर्व न्यायाधीशों द्वारा तय की गई फीस का भुगतान नहीं करके उनका अपमान कर रहे हैं। आपमें बहुत अहंकार है। क्या आप जजों के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं?

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इस ओएनजीसी को देख रहे हैं। क्योंकि आपके पास बहुत पैसा है, आप छोटी चीजें करते हैं। हम आपके खिलाफ स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना ​​नोटिस जारी करेंगे। अटॉर्नी जनरल से इस मामले में आज पेश होने को कहें और उन्हें एक पत्र भेजें।’’

पीठ में न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं।

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के वर्चुअल तरीके से पेश होने के बाद पीठ ने इस मामले को फिर उठाया।

पीठ ने कहा, ‘‘हमने आपको (अटॉर्नी जनरल) क्यों बुलाया, यह ओएनजीसी एक पक्ष है। एक मध्यस्थता है और इस अदालत ने तीन न्यायाधीशों की नियुक्ति की थी। हम यह बात आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं क्योंकि आप भारत के अटॉर्नी जनरल हैं।’’

पीठ ने वेणुगोपाल से मामले का समाधान करने का आग्रह किया और एक सप्ताह बाद मामले की सुनवाई की बात कही।

भाषा अजय अजय रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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