राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 और 2014 में आवश्यक संशोधन को मंजूरी | Rajasthan Investment Promotion Scheme 2019 and 2014 approve necessary amendments

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 और 2014 में आवश्यक संशोधन को मंजूरी

राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019 और 2014 में आवश्यक संशोधन को मंजूरी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : April 6, 2021/2:38 pm IST

जयपुर, छह अप्रैल (भाषा) मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में उद्योगों की सुगम स्थापना तथा निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बजट में की गई घोषणाओं को लागू करने के लिए राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स)-2019 एवं रिप्स-2014 में आवश्यक संशोधन को मंजूरी दी है। इसके बाद वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2014 की कार्य अवधि 31 मार्च, 2021 तक ही थी, लेकिन कुछ इकाइयां योजना अवधि में उत्पादन प्रारम्भ नहीं कर सकी हैं, ऎसी इकाइयों को राहत देने के लिए इसकी अवधि दो वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च, 2023 तक कर दी गई है।

इस मंजूरी से निवेशकों को उद्यम स्थापना के लिए विभिन्न पैकेज का लाभ मिल सकेगा। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 में “डॉ. बी. आर. अम्बेडकर एससी-एसटी उद्यमी प्रोत्साहन विशेष पैकेज” के तहत अब निवेश सीमा 50 प्रतिशत तक घटाई गई है। अधिकतम अनुदान को एलिजिबल फिक्सड केपिटल इंवेस्टमेंट के 150 प्रतिशत से बढ़ाकर 200 प्रतिशत किया गया है।

साथ ही 5 वर्ष तक प्रतिवर्ष 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान (अधिकतम 25 लाख रूपए) अथवा 15 प्रतिशत केपिटल सब्सिडी (अधिकतम 2 करोड़ रूपए) दी जाएगी। एससी-एसटी उद्यमियों के लिए विशेष इंक्यूबेशन सेंटर चलाए जाएंगे।

इस पैकेज का लाभ लेने के लिए एससी-एसटी उद्यमियों का प्रोपराइटरशिप फर्म में शत-प्रतिशत तथा पार्टनरशिप फर्म एवं प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में न्यूनतम 51 प्रतिशत पूंजी निवेश होना आवश्यक होगा।

अति पिछड़ा, पिछड़ा एवं जनजाति क्षेत्रों में निवेश पर रिप्स-2019 के तहत डॉ. बी. आर. अम्बेडकर एससी-एसटी उद्यमी प्रोत्साहन विशेष पैकेज की भांति उद्यमियों को सभी लाभ दिए जाएंगे।

जैम्स एण्ड ज्वैलरी के क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए इसे भी रिप्स-2019 के सेवा क्षेत्र में जोड़ा गया है। हैल्थ केयर सेक्टर तथा एपीआई (एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंटस) को भी रिप्स-2019 के थ्रस्ट सेक्टर में जोड़कर प्रोत्साहन दिया गया है।

इसी प्रकार रिप्स-2019 में रिसोट्र्स एवं एम्यूज़मेंट पार्क के लिए न्यूनतम भूमि की शर्त क्रमशः 5 एकड़ एवं 10 एकड़ से घटाकर रिसोट्र्स के लिए 2 एकड़ एवं एम्यूज़मेंट पार्क के लिए 2.5 एकड़ की जाएगी।

सोलर एवं विंड एनर्जी की उपकरण निर्माण इकाइयों को रोजगार अनुदान 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया गया है। ब्याज अनुदान दिये जाने हेतु रिप्स-2019 में प्लांट, मशीनरी और इक्विपमेंट्स के साथ डेवलपमेंट ऑफ इंफ्रास्टक्चर को भी जोड़ दिया गया है।

एक सरकारी बयान के अनुसार राज्य में ई-व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए ई-चार्जिंग एवं स्वेपिंग स्टेशंस को रिप्स-2019 के सर्विस सेक्टर एवं थ्रस्ट सेक्टर में जोड़ा गया है।ई-व्हीकल्स के उत्पादन के लिए निवेश सीमा 50 करोड़ रूपए से घटाकर 25 करोड़ रूपए की जाएगी।

भाषा कुंज

नोमान महाबीर

महाबीर

 

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