सेबी ने एनएसई को लिंडे इंडिया के लेनदेन का मूल्यांकन करने के लिए कहा |

सेबी ने एनएसई को लिंडे इंडिया के लेनदेन का मूल्यांकन करने के लिए कहा

सेबी ने एनएसई को लिंडे इंडिया के लेनदेन का मूल्यांकन करने के लिए कहा

:   Modified Date:  April 30, 2024 / 04:07 PM IST, Published Date : April 30, 2024/4:07 pm IST

नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने शेयरधारकों से मिली शिकायतों के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को लिंडे इंडिया और उससे जुड़ी प्रैक्सएयर इंडिया के बीच हुए लेनदेन का मूल्यांकन करने के लिए मूल्यांकनकर्ता नामित करने का निर्देश दिया है।

यह मामला लिंडे इंडिया लिमिटेड (एलआईएल) और उससे जुड़ी कंपनियों प्रैक्सएयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (पीआईपीएल) और लिंडे साउथ एशिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (एलएसएएसपीएल) के बीच हुए लेनदेन और समझौतों से संबंधित है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयरधारकों से कई शिकायतें मिलने के बाद मामले की जांच की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि लिंडे इंडिया द्वारा प्रैक्सएयर इंडिया के साथ किए गए लेनदेन और समझौते सामग्री संबंधित पक्ष लेनदेन (आरपीटी) की प्रकृति के थे और लिंडे इंडिया ने इन लेनदेन पर शेयरधारकों की मंजूरी नहीं ली थी।

सेबी ने सोमवार को पारित अपने अंतरिम आदेश में कहा कि लिंडे इंडिया शेयरधारकों की मंजूरी के बगैर ‘संबंधित पक्ष लेनदेन को अंजाम दे रही थी, जो पहली नजर में महत्वपूर्ण प्रतीत होता है।…यह व्यापक शेयरधारक आधार की कीमत पर नियंत्रक शेयरधारकों को अनुचित ढंग से लाभ पहुंचाने की संभावना रखता है।’

बाजार नियामक ने एनएसई को आदेश दिया कि वह लिंडे इंडिया और प्रैक्सएयर इंडिया के बीच हुए संयुक्त उद्यम और शेयरधारक समझौते के संदर्भ में भौगोलिक आवंटन के अलावा कारोबार का मूल्यांकन करने के लिए एक पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता नियुक्त करे।

इसके साथ ही नियामक ने एनएसई को सेबी और कंपनी दोनों को मूल्यांकन रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। रिपोर्ट मिलने के दो सप्ताह के भीतर लिंडे को इसे ऑडिट समिति और निदेशक मंडल के सामने पेश करना जरूरी है।

सेबी ने कहा कि लिंडे इंडिया को एक वित्त वर्ष में किसी भी संबंधित पक्ष के साथ लेनदेन के कुल मूल्य के आधार पर भविष्य में संबंधित पक्ष लेनदेन की भौतिकता का आकलन करना चाहिए, भले ही लेनदेन या अनुबंधों की संख्या कुछ भी हो।

लिंडे इंडिया को पहले बीओसी इंडिया के नाम से जाना जाता था और वह ब्रिटेन स्थित बीओसी समूह का हिस्सा थी। वर्ष 2006 में जर्मनी की कंपनी लिंडे एजी ने इसका अधिग्रहण कर लिया था।

एलआईएल औद्योगिक, चिकित्सा और विशेष गैसों, उपकरणों और संबंधित उत्पादों के निर्माण और बिक्री में लगी हुई है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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