नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) कई छोटे निर्यातकों ने निर्यात दायित्व में चूक के एकमुश्त निपटान वाली शुल्क माफी योजना को सितंबर तक जारी रखने का सरकार से अनुरोध किया है। एक उद्योग निकाय ने सोमवार को यह जानकारी दी।
लुधियाना स्थित हैंड टूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तर के उद्यमों (एमएसएमई) को 45 दिनों के भीतर भुगतान करने का अपना दायित्व पूरा करने के कारण कई छोटे निर्यातक इस योजना का लाभ नहीं उठा पाए हैं।
वित्त अधिनियम 2023 के माध्यम से पेश किए गए आयकर अधिनियम की धारा 43बी (एच) के अनुसार, यदि कोई बड़ी कंपनी एमएसएमई को 45 दिनों के भीतर भुगतान नहीं करती है तो वह उस खर्च को अपनी कर-योग्य आय में से नहीं घटा सकती है। ऐसा होने पर उसे अधिक कर देना पड़ेगा।
रल्हन ने कहा, ‘इसकी वजह से हमने इकाइयों को भुगतान करने के लिए अपने पैसे का इस्तेमाल किया और कई लोग माफी योजना के तहत आवेदन नहीं कर पाए। हम सरकार से इस योजना को सितंबर तक जारी रखने का आग्रह करते हैं।’
सीमा शुल्क और ब्याज के भुगतान की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2024 को समाप्त हो गई है।
नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) में, निर्यातकों के लिए अग्रिम और ईपीसीजी (पूंजीगत वस्तुओं के लिए निर्यात प्रोत्साहन) लाइसेंस धारकों द्वारा निर्यात दायित्व में चूक के एकमुश्त निपटान के लिए योजना की घोषणा की गई थी।
रल्हन ने कहा कि वे जल्द ही इस संबंध में वाणिज्य मंत्रालय को पत्र भेजेंगे। एक अन्य निर्यातक ने कहा कि योजना को सितंबर तक बढ़ाने से उन्हें आवेदन करने और योजना का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
इस बीच, एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय योजना का लाभ उठाने के संबंध में आंकड़ा इकट्ठा कर रहा है। अधिकारी ने कहा, ‘हम कुल मूल्य देखने के लिए आंकड़े संकलित कर रहे हैं। इसमें कुछ और दिन लगेंगे।’
भाषा प्रेम प्रेम रमण
रमण
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