रेरा अदालत ने बिल्डर-खरीदार समझौते के उल्लंधन को लेकर वाटिका लि. पर जुर्माना लगाया |

रेरा अदालत ने बिल्डर-खरीदार समझौते के उल्लंधन को लेकर वाटिका लि. पर जुर्माना लगाया

रेरा अदालत ने बिल्डर-खरीदार समझौते के उल्लंधन को लेकर वाटिका लि. पर जुर्माना लगाया

:   Modified Date:  April 16, 2024 / 08:25 PM IST, Published Date : April 16, 2024/8:25 pm IST

गुरुग्राम, 16 अप्रैल (भाषा) रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) अदालत ने बिल्डर-खरीदार समझौते (बीबीए) के प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनी वाटिका लि. पर छह लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है।

एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, ‘‘रेरा अदालत का ऐतिहासिक आदेश पांच शिकायतकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है।’’

आदेश के अनुसार, ‘‘प्राधिकरण वाटिका लि. की ओर से अधिनियम 2016 की धारा 13 का उल्लंघन की बात साबित होती है। कंपनी पर प्रत्येक शिकायत के मामले में धारा 61 के तहत एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही आदेश के 30 दिन के भीतर रियल एस्टेट विनियमन और विकास नियम 2017 के तहत दिये गये मॉडल समझौते के अनुसार पंजीकृत खरीदारों के समझौते को क्रियान्वित करने का निर्देश दिया जाता है।’’

इसमें कहा गया है कि आदेश की तामील नहीं होने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम 2016 की धारा 13 में कहा गया है कि प्रवर्तक अग्रिम भुगतान या आवेदन शुल्क के रूप में अपार्टमेंट या प्लॉट की लागत के 10 प्रतिशत से अधिक की राशि स्वीकार नहीं कर सकता है।

वाटिका लि. से कोई राहत नहीं मिलने पर पांच शिकायतकर्ताओं सह आवंटियों ने अक्टूबर, 2022 में रेरा अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

एक अधिकारी ने कहा कि शिकायतकर्ताओं ने 2018 में वाटिका इंडिया नेक्स्ट प्रोजेक्ट में वाणिज्यिक इकाइयां ‘बुक’ की थी और बिल्डर-खरीदार समझौता निष्पादित किए बिना प्रवर्तक को पूरा भुगतान कर दिया था।

वाटिका ने एक साल बाद, कथित तौर पर अपनी इकाइयों को उनकी सहमति के बिना गुरुग्राम के सेक्टर 16 में एक अलग परियोजना, वाटिका वन में स्थानांतरित कर दिया और यूनिट के आकार को 1,000 वर्ग फुट के मूल आकार से घटाकर 500 वर्ग फुट कर दिया।

अधिकारी ने कहा कि अदालत ने 23 फरवरी के आदेश के साथ प्राधिकरण के निर्देशों का पालन न करने के लिए प्रत्येक शिकायतकर्ता को 25,000-25,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया। यह भुगतान आदेश पारित होने के 30 दिन के भीतर करना है।

उन्होंने कहा कि रेरा अदालत ने वाटिका लि. को कब्जे की नियत तारीख से अबतक हर महीने की देरी के लिए निर्धारित दर से ब्याज देने का भी निर्देश दिया है।

इस बारे में वाटिका लि. के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कंपनी इस आदेश के खिलाफ अपील करेगी क्योंकि मामले के सभी तथ्यों और कंपनी के प्रतिवेदन पर विचार नहीं किया गया है।’’

भाषा रमण अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)