‘बैंक सखी’ स्कीम से जुड़कर 40 हजार रुपये तक हर महीने कमा रहीं महिलाएं, जानिए कैसे उठा सकते हैं इस खास स्कीम का लाभ | Women earning up to 40 thousand rupees every month by joining 'Bank Sakhi' scheme,

‘बैंक सखी’ स्कीम से जुड़कर 40 हजार रुपये तक हर महीने कमा रहीं महिलाएं, जानिए कैसे उठा सकते हैं इस खास स्कीम का लाभ

‘बैंक सखी’ स्कीम से जुड़कर 40 हजार रुपये तक हर महीने कमा रहीं महिलाएं, जानिए कैसे उठा सकते हैं इस खास स्कीम का लाभ

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : June 26, 2021/10:51 am IST

नईदिल्ली। महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए और स्वावलंबी बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही हैं, इनमें एक योजना ऐसी भी है जिसे कोरोना काल में गति दी गई है, आपको बता दें कि ‘बैंक सखी’ स्कीम एक ऐसी योजना है जिसमें ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया जाता है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को बैंक सखी बनाया जाता है जो गांव में लोगों की बैंक से जुड़ी जरूरतों को पूरा करती हैं। जो लोग बैंक नहीं जा सकते या घर से बैंक बहुत दूर है, बैंक सखी उनके घर पर बैंकिंग सुविधाएं प्रदान कराती है।

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यूपी में यह योजना काफी तेजी से चल रही है, देश के अन्य कई राज्य भी इस योजना को अपना कर ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बना रहे हैं, यूपी में इस योजना को पिछले साल शुरू किया गया था। इसके तहत हर बैंक सखी को 6 महीने तक 4 हजार रुपये का मानदेय दिया गया, साथ में, लैपटॉप जैसी डिवाइस की खरीद के लिए सरकार की तरफ से 50 हजार रुपये दिए गए, लैपटॉप की जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि इसी से गांव में जाकर बैंक से जुड़े काम किए जाते हैं, लोग बैंक नहीं जा सकते तब भी वे घर बैठे बैंक का काम करा सकते हैं।

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देश के कई जगहों में योजना ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही है, कोरोना के भीषण महामारी के बीच गांवों में जाकर करोड़ों का ट्रांजेक्शन किया जा रहा है, लोगों की मदद करते हुए गांवों में महिलाओं की एक नई पहचान बन रही है, साथ ही स्वावलंबी होने की क्षमता तैयार हो रही है। हालाकि बैंक सखी के तौर पर कोई फिक्स मानदेय नहीं होता, लेकिन ट्रांजेक्शन पर कमीशन के रूप में अच्छी कमाई हो जाती है। जिस किसी को बैंक से जुड़े काम कराने होते हैं, पैसे निकालने होते हैं, वे बैंक सखी की मदद लेते हैं।

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दरअसल, आजीविका मिशन के तहत बैंक सखी कार्यक्रम से जुड़ने वाली महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है। सरकार की तरफ से लैपटॉप खरीदने के लिए कर्ज दिया जाता है। इसी तरह अन्य राज्यों की महिलाएं भी ट्रेनिंग लेकर यह काम कर रही हैं और स्वावलंबी बन रही हैं, राज्य सरकारें इस स्कीम को तेजी से बढ़ा रही हैं ताकि ग्रामीण स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा सके और लोगों को घर पर बैंकिंग की सुविधा मुहैया कराई जा सके।