Battle of Lok Sabha, equation of 'charge'?

Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा का रण, ‘प्रभार’ का समीकरण? क्या मंत्रियों को प्रभार देने का है कोई अन्य मायने

Lok Sabha Election 2024 :छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने 11 मंत्रियों को जिलों का प्रभार देकर...तय कर दिया है कि कौन सा मंत्री किन जिलों में

Edited By :   Modified Date:  February 3, 2024 / 10:42 PM IST, Published Date : February 3, 2024/10:42 pm IST

रायपुर : Lok Sabha Election 2024 : छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने 11 मंत्रियों को जिलों का प्रभार देकर…तय कर दिया है कि कौन सा मंत्री किन जिलों में विकास कार्यों, जन आकांक्षाओं और तय लक्ष्यों को पूरा करेगा। प्रभारी मंत्रियों की सूचि में शामिल नामों से स्पष्ट है कि यहां अनुभव के साथ-साथ राजनीतिक समीकरण को भी आधार बनाया गया है। कांग्रेस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। सवाल ये है कि क्या मंत्रियों को प्रभार देने के कोई अन्य मायने भी हैं।

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Lok Sabha Election 2024 :  छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट के 11 मंत्रियों को 33 जिलों का प्रभार सौंप दिया गया है। ये प्रभारी मंत्री जिला योजना समिति की अध्यक्षता करेंगे, जनसंपर्क और जन समस्या निराकरण को लेकर काम करेंगे। इस सूचि को देखें तो अधिकांश मंत्रियों को उनके निर्वाचन क्षेत्र के आस-पास वाले जिलों का ही प्रभार दिया है। कुछ वे हैं जो कभी इन जिलों में संगठनात्मक रूप से काम संभाल चुके हैं। नई जिम्मेदारियों के तहत अरुण साव को बिलासपुर,कोरबा और बेमेतरा का प्रभारी बनाया गया है। उनका निर्वाचन क्षेत्र मुंगेली, जिला लोरमी विधानसभा बिलासपुर से ही लगता है। साय ने पहले बिलासपुर हाईकोर्ट में वकालत भी की है। इसी तरह उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा का निर्वाचन क्षेत्र कवर्धा है। उन्हें इसी से सटे हुए जिले दुर्ग ,राजनांदगांव, बालोद, मोहला मानपुर का प्रभारी बनाया गया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी और शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। सरगुजा-जशपुर में विकास कार्यों को सही तरीके से गति दी जा सके इसके लिए ओपी चौधरी को इन दोनों जिलों का प्रभारी बनाया गया। जशपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का गृह और निर्वाचन जिला कभी जांजगीर कलेक्टर रहे ओपी को यहां का भी प्रभारी बनाया गया है। इसी तरह बस्तर,कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर में नक्सली गतिविधि को रोकने और आदिवासियों से संबंधित कार्यों को सही दिशा देने के लिए चारों जिलों का प्रभार बृजमोहन अग्रवाल को दिया गया है। इसी तरह वन मंत्री केदार कश्यप को राजधानी रायपुर समेत सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिला का प्रभारी मंत्री बनाया गया है। प्रभारी बनाए जाने के बाद सभी मंत्रियों ने इसे स्वीकारते हुए कहा कि जो भी जिम्मेदारी दी गई है बखूबी निभाएंगे।

इधर, कांग्रेस ने इस पूरी कवायद पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ये रूटीन प्रक्रिया जैसा है…इससे बहुत फर्क नहीं पड़ने वाला है।

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Lok Sabha Election 2024 :  सत्ता पक्ष का दावा है कि छत्तीसगढ़ में हर जिले की चुनौतियों और आवश्कता के मुताबिक लक्ष्य और प्राथमिकता तय कर विकास करने के उद्देश्य से ही मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिया गया है। कैबिनेट के टॉप मंत्रियों को आदिवासी जिलों का ही प्रभारी मंत्री बनाकर सरकार ने ये संकेत भी दिया है कि प्रदेश सरकार आदिवासी क्षेत्रों में मोदी की गारंटी को सुगमता से पूरा करेगी। सवाल ये कि प्रभार सौंपे जाने का बाद क्या वाकई जिलों का समायोजित विकास हो सकेगा या फिर ये व्यवस्था मंत्रियों की जवाबदेही तय कर उन्हें जनता से जोड़े रखने के लिए बनाई गई है..?

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