ईश्‍वर बेटी या बेटा जो भी दे, उसे स्‍वीकार करना चाहिए : राज्यपाल |

ईश्‍वर बेटी या बेटा जो भी दे, उसे स्‍वीकार करना चाहिए : राज्यपाल

ईश्‍वर बेटी या बेटा जो भी दे, उसे स्‍वीकार करना चाहिए : राज्यपाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : September 30, 2022/5:18 pm IST

बलरामपुर (उप्र) 30 सितंबर (भाषा) उत्‍तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को समाज की विसंगतियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ”आज भी समाज में बेटी होने पर महिलाओं को दोषी माना जाता है जबकि लड़का या लड़की पैदा होना ईश्वर की देन है। ईश्वर हमें बेटी या बेटा जो भी दे उसे स्वीकार करना चाहिये न कि महिलाओं को गुनहगार बताना चाहिये।”

शुक्रवार को महारानी लाल कुंवरि स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित समारोह में राज्‍यपाल ने गर्भवती महिलाओं का आह्वान करते हुए कहा कि महिलाओं को प्रसव अस्पताल में कराना चाहिये ताकि जच्चा-बच्चा दोनों की देखभाल ठीक से हो सके।

उन्होंने कहा कि आज भी 16 प्रतिशत महिलाएं अस्पताल में प्रसव नही कराती हैं जिसे ठीक नही माना जा सकता है।

पटेल ने कहा, ”हम एक सितम्बर को हर वर्ष स्तनपान दिवस मनाते हैं लेकिन बहुत कम महिलाएं हैं जो अपने बच्चों का स्तनपान कराती है जबकि अगर प्रसव होने के एक घण्टे बाद महिलाएं अपने नवजात को स्तनपान कराए तो यह नवजात के लिये अमृत के बराबर होता है तथा स्तनपान यदि होता रहे तो हमें पोषण दिवस मनाने की आवश्यकता ही न पड़े।”

इससे पहले राज्‍यपाल के बलरामपुर पहुंचने पर पुलिस लाइन में जिलाधिकारी महेन्द्र कुमार और पुलिस अधीक्षक (एसपी) राजेश सक्सेना ने स्वागत किया।

राज्यपाल ने कृषि उत्पादन मंडी समिति में एफ़पीओ (किसान उत्‍पादक संगठन) केंद्र की शुरुआत की। आनंदी बेन पटेल ने समाज कल्याण, स्वास्थ्य विभाग आदि द्वारा लगाई गई विकास प्रदर्शनी का जायजा लिया।

राज्यपाल ने जिला कारागार का भी भ्रमण किया और जेल में बंद विचाराधीन कैदियों से मुलाकात कर उनसे बातचीत की। राज्यपाल आंगनवाड़ी केन्द्र कलवारी भी पहुंची जहां उन्होंने बच्चों और उनके अभिभावकों से मुलाकात की ।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ प्रदेश के समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) असीम अरुण भी थे।

भाषा सं आनन्द रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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