बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) में दिनांक 26 जनवरी, 2023 को 74वें गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के समीप स्थित प्रांगण में किया गया है। जहां माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने राष्ट्रीय ध्वज को फहराया।
गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर सुबह 10.30 बजे ‘गुरु घासीदास विश्वविद्यालय स्वाभिमान थाली'(जीएसटी) का डा. अतुल कोठारी, राष्ट्रीय सचिव शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली एवं माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने जीजीवी स्वाभिमान भोजनालय का फीता खोलकर एवं नारियल फोड़ कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मंचस्थ अतिथियों में सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रोफेसर नीलाम्बरी दवे, सुरेश गुप्ता, ओम शर्मा, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष कुमार श्रीवास्तव, प्रो. पी.के वाजपेई, एनएसएस के समन्वयक डा. दिलीप झा मौजूद रहे।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में डा. अतुल कोठारी ने कहा कि विश्वविद्यालय की यह पहल सराहनीय है। यह हमारी भारतीय संस्कृति एवं परम्परा के अनुरूप है। विश्वविद्यालय ने स्वाभिमान थाली के संकल्प को वास्तविकता के धरातल पर उतारा है। यह विद्यार्थियों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में बढ़ाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि यह एक सपना था जो आज डा. अतुल कोठारी के करकमलों से जीजीवी स्वाभीमान थाली (जीएसटी) के रूप में प्रारंभ हुआ। इस योजना के मुख्य सहयोगी व्यवस्थापक एवं दानदाताओँ का उन्होंने आभार जताया। प्रारंभ में जीएसटी थाली की शुरुआत जरूरतमंद 200 छात्र-छात्राओं के लिए की गई है जिसे समय एवं व्यवस्थाओं के अनुरूप में बढ़ाया जाएगा। हमारा लक्ष्य भविष्य में सभी छात्र-छात्राओं को स्वाभिमान थाली को उपलब्ध कराना है।
इस अवसर पर प्रोफेसर नीलाम्बरी दवे जी ने विश्वविद्यालय को बधाई देते हुए कहा कि यह माँ अन्नपूर्णा का साक्षात आशीर्वाद है। उन्होंने कामना की कि स्वाभिमान थाली का अक्षय-पात्र कभी खाली ना हो। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव प्रो. मनीष कुमार श्रीवास्तव ने किया।
योजना के प्रथम चरण में जीएसटी थाली की शुरुआत जरूरतमंद 200 छात्र-छात्राओं से हो रही है। जीएसटी थाली में चावल, दाल, सब्जी, अचार व सलाद आदि पौष्टिक आहार प्रदान किये जाएंगे। स्वच्छ भारत, स्वथ्य भारत की दिशा में प्रारंभ हुई इस योजना में विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े स्वयंसेवकों की अहम भूमिका रहेगी।
स्वाभिमान थाली का मूल उद्देश्य
छत्तीसगढ़ का एक मात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के अपने गुरुत्तवर दायित्व के निर्वहन के क्रम में विद्यार्थियों के हितों को सर्वोपरि व उनके सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता देते हुए स्थानीय आश्यकताओं के अनुरूप यह योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत दूरस्थ क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए विश्वविद्यालय में ‘गुरु घासीदास स्वाभिमान थाली’ मात्र 10 रुपए में उपलब्ध कराएगा। यह थाली कम पैसे में उपलब्ध होने के साथ ही छात्रों को पोषण भी देगी, इसी के अनुरूप मेन्यू भी तैयार किया गया है। इसका उद्देश्य समाज सेवा, मानवता और सेवा भाव जगाना है।
इस योजना का प्रारंभ विश्वविद्यालय द्वारा समाज की सक्रिय सहभागिता के माध्यम से हो रहा है। सभी से इस पुनीत कार्य में सहयोग की अपेक्षा है। जो भी माननीय दानदाता इसमें सहयोग करना चाहते हैं वे ‘गुरु घासीदास विश्वविद्यालय स्वाभिमान थाली'(जीएसटी) के समन्वयक डॉ. दिलीप झा से निम्न फोन नंबर 9926003033 पर संपर्क कर सकते हैं।
74वें गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के समीप स्थित प्रांगण में किया गया है। जहां माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने राष्ट्रीय ध्वज को फहराया। इस अवसर पर सौराष्ट्र विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रोफेसर नीलाम्बरी दवे, सुरेश गुप्ता, ओम शर्मा, कुलसचिव प्रो. मनीष कुमार श्रीवास्तव एवं अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. एम.एन. त्रिपाठी उपस्थित रहे। माननीय कुलपति महोदय ने एनसीसी, एनएसएस और सुरक्षा प्रहरियों के मार्च पास्ट का अवलोकन किया एवं सलामी ली।
इस अवसर अपने अध्यक्षीय उदबोधन में माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने सभी उपस्थित जनों को 74वें गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज गणतंत्र दिवस, वसंत पंचमी एवं गुप्त नौ रात्रि के पांचवे दिन के पावन संयोग का दिन है। महान स्वतंत्रता सेनानी रानी गाईदिल्यू के स्वतंत्रता आंदोलन में किये गए योगदान को याद करते हुए कहा कि हमें असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के अमर बलिदान और आहुतियों के बाद आजादी मिली है।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि कोई भी बड़ा से बड़ा और कठिन से कठिन कार्य निष्ठा और समर्पण से पूरा किया जा सकता है। विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय को देश का नम्बर वन विश्वविद्यालय बनाने के लिए दिन-रात लगे हुए हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारियों और विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि हम हर दिन पहले से बेहतर करने के निश्चय के साथ कार्य करने का संकल्प लें तो बहुत शीघ्र ही देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय होंगे।
गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित भाषण एवं लेख प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की भी घोषणा की गई। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. मनीष श्रीवास्तव व संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. एम.एन. त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के अंत में सभी को विश्वविद्यालय के तरफ से प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारीगण, कर्मचारीगण, शोधार्थी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
read more: लोकसभा चुनाव के लिए समान विचारधारा वाले दलों की बैठक की प्रतीक्षा: नीतीश