नक्सली नेता हिड़मा के गांव पुवर्ती के निवासियों ने नहीं किया मतदान |

नक्सली नेता हिड़मा के गांव पुवर्ती के निवासियों ने नहीं किया मतदान

नक्सली नेता हिड़मा के गांव पुवर्ती के निवासियों ने नहीं किया मतदान

:   Modified Date:  April 20, 2024 / 03:46 PM IST, Published Date : April 20, 2024/3:46 pm IST

सुकमा, 20 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार को माओवादियों के चुनाव बहिष्कार के आह्वान को खारिज करते हुए दूरदराज के कई गांवों के ग्रामीणों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया लेकिन नक्सली नेता हिड़मा के पुवर्ती गांव के निवासी मतदान से दूर रहे।

बीजापुर जिले की सीमा से लगे सुकमा जिले में माओवादियों का गढ़ माना जाने वाला पुवर्ती खूंखार नक्सली नेता हिड़मा का निवास स्थान है। हिड़मा को बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर विभिन्न घातक हमलों का मास्टर माइंड माना जाता है।

बस्तर लोकसभा क्षेत्र में शुक्रवार को 67.56 फीसदी मतदान हुआ है।

पुवर्ती मतदान केंद्र के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) जावा पटेल ने बताया, “शुक्रवार को मतदान के दौरान पुवर्ती गांव के किसी भी मतदाता ने अपने मत का प्रयोग नहीं किया।”

पुवर्ती मतदान केंद्र (नंबर 4) तीन गांवों पुवर्ती, टेकलगुडियाम और जोनागुडा के मतदाताओं के लिए पुवर्ती से लगभग 20-25 किलोमीटर दूर सिलगेर गांव में स्थापित किया गया था। उन्होंने कहा कि पुवर्ती में मतदाताओं की संख्या 332, टेकलगुडियाम में 158 और जोनागुड़ा में 157 है। पुवर्ती बूथ पर कुल 647 मतदाता हैं।

उन्होंने बताया कि पुवर्ती मतदान केंद्र पर कुल 31 मतदाताओं ने वोट डाले, लेकिन उनमें से कोई भी पुवर्ती गांव से नहीं था और वे टेकलगुडियाम और जोनागुडा से थे।

बस्तर लोकसभा सीट के अंतर्गत कोंटा विधानसभा क्षेत्र जो सुकमा जिले में है 54.31 प्रतिशत मतदान हुआ है।

पुवर्ती गांव के ग्रामीणों द्वारा मतदान नहीं करने को लेकर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों ने मतदान में भाग नहीं लेने की धमकी दी थी। उन्होंने कहा कि भय ही एक वजह है जिससे वहां के ग्रामीण मतदान करने नहीं पहुंचे।

माओवादियों की जगरगुंडा एरिया कमेटी ने पुवर्ती में आसपास के गांवों में बैनर लगाकर लोगों से चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की थी।

इस वर्ष फरवरी में छत्तीसगढ़ पुलिस ने पुवर्ती में अपना शिविर स्थापित किया था और इस कदम को वामपंथी नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि करार दिया गया था।

अधिकारियों ने कहा था कि सुकमा जिला मुख्यालय से लगभग 150 किलोमीटर दूर घने जंगल में स्थित पुवर्ती नक्सली खतरे और भौगोलिक परिस्थितियों के कारण विकास कार्यों और बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।

पुलिस के मुताबिक पुवर्ती जैसे दूरदराज और धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा शिविर स्थापित करने से हजारों ग्रामीणों को माओवादी खतरे से छुटकारा पाने और सरकार के विकास कार्यों तथा कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होने में मदद मिलेगी।

पुवर्ती माओवादियों की पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियन नंबर एक के पूर्व कमांडर हिड़मा और मौजूदा कमांडर बरसे देवा का गृह ग्राम है।

माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर एक ने दक्षिण बस्तर में कई घातक हमलों को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

पुवर्ती में शिविर लगने से पहले सुरक्षा बलों ने जनवरी में पुवर्ती से कुछ किलोमीटर दूर टेकलगुडेम में अपना शिविर लगाया था। इसी दौरान सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस घटना में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन के दो कमांडो सहित तीन जवान शहीद हो गए थे और 17 अन्य घायल हो गए थे।

भाषा सं संजीव अमित

अमित

 

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