रायपुरः Water will not needed to build house यदि हाल-फिलहाल में नए मकान का निर्माण करने वाले हैं तो ये खबर आपके लिए ही है। अब आपको मकान निर्माण के लिए ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होगी। महज एक पाउडर के उपयोग से पानी की खपत कम हो जाएगी। इस पाउडर को खोजा है रायपुर एनआईटी के प्रोफेसर और रिसर्च स्कॉलर ने। इस पाउडर के इस्तेमाल से कंक्रीट की मजबूती बढ़ेगी और लीकेज भी कम होगा। हालांकि कृषि के क्षेत्र में इस पाउडर का इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन पहली बार एनआईटी के रिसर्च स्कॉलर ने कंक्रीट के लिए इस पाउडर का इस्तेमाल किया है। इसके प्रोसेस को पेटेंट भी मिल चुका है।
Water will not needed to build house एनआईटी के प्रोफेसर और रिसर्च स्कॉलर के द्वारा खोज गए इस पाउडर को सुपर ऑब्जर्वर पॉलीमर कहते हैं। जिसकी कैपेसिटी अपने वजन से 100 से 200 गुना ज्यादा वजन का पानी ऑब्जर्व करने की है। इसका इस्तेमाल एग्रीकल्चर के लिए होता है, लेकिन प्रोफेसरों ने मिलकर एक ऐसी मेथड निकाली है, जिसमें कंक्रीट में क्युरिंग के लिए पानी की जरूरत को कम किया जा सकता है। इसे इंटरनल क्यूरिंग कहते हैं। यानी कंक्रीट खुद ही पानी को अंदर रख लेता है, जिससे कांक्रीट के क्यूरिंग में कोई समस्या नहीं होती।
इस पर स्टूडेंट वेंकटेश्वरलू कुरुवा ने काफी काम किया है। वेंकटेश्वरलू 4 साल से इंटरनल क्यूरिंग ऑफ कंक्रीट को लेकर काम कर रहे हैं। वे बताते हैं कि सुपर ऑब्जर्वर पॉलीमर जो महज 5 ग्राम का है। वो 100 मिलीलीटर तक पानी ऑब्जर्व कर सकता है। यह मटेरियल पहले से मार्केट में उपलब्ध है जिस पर एनआईटी के प्रोफेसरो ने रिसर्चर स्कॉलर के साथ मिलकर एक नया प्रयोग किया है। जो भी व्यक्ति इस पाउडर का इस्तेमाल करना चाहता है वो बाजार से इसे खरीद सकता है।
आमतौर पर कंक्रीट की मजबूती के लिए ज्यादा पानी का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि उपयोग किया गया पानी भांप में तब्दील हो जाता है। ऐसे में पानी ना दिया जाए तो क्यूरिंग खराब हो जाता है। लेकिन इस पाउडर को जब कंक्रीट मिक्सिंग के समय डाला जाता हैं तो यह पानी को कंक्रीट से बाहर निकलने नहीं देता है। इस वजह से कंक्रीट में क्यूरिंग या पानी की मात्रा सही होती है और कंक्रीट की गुणवत्ता बढ़ती है।