जल पर्व के आयोजन में सूखे से निपटने की रणनीति पर मंथन, तालाबों को पुर्नजीवित करने की बताई जरुरत | Brainstorming strategy to tackle drought in organizing water festival Need to revive ponds

जल पर्व के आयोजन में सूखे से निपटने की रणनीति पर मंथन, तालाबों को पुर्नजीवित करने की बताई जरुरत

जल पर्व के आयोजन में सूखे से निपटने की रणनीति पर मंथन, तालाबों को पुर्नजीवित करने की बताई जरुरत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : March 15, 2020/2:25 am IST

खजुराहो । पर्यटन नगरी में जल पर्व का आयोजन किया जा रहा है। इसमें दुनिया भर में ग्रीन मैन के नाम से विख्यात विजयपाल बघेल और जलग्राम खजनी को खुद के प्रयास से आदर्श ग्राम घोषित करवाने वाले उमाशंकर पांडेय ने भी हिस्सा लिया।

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जल पर्व के आयोजन में इस बात पर मंथन किया गया कि सरकार के लाख प्रयास के बावजूद बुंदेलखंड की जल समस्या दूर क्यों नहीं हुई। ये बताया गया कि खजुराहो में हजारों तालाब हैं। इन्हें फिर से जीवित करने की जरुरत है।

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इस बात पर भी मंथन हुआ कि खजुराहो को तालाबों की नगरी के नाम से पहचाना जाए। ग्रीन मैन विजयपाल बघेल ने कहा कि हमें अभी आगे आना होगा, अगर हम नहीं चेते तो 2024 तक बुंदेलखंड के तालाबों, बावड़ियों और कुओं में सिर्फ 10 प्रतिशत पानी बचेगा। जलसंरक्षण के लिए उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार से बात कर खजुराहो को पॉन्ड सिटी घोषित करवाने का प्रयास किया जाएगा।