होली पर जलते अंगारों पर चलने की कायम है परंपरा, मनोकामना पूरी होने के लिए करते हैं आयोजन | Celebrating Holi on the burning coals is the tradition to celebrate, to fulfill the wish

होली पर जलते अंगारों पर चलने की कायम है परंपरा, मनोकामना पूरी होने के लिए करते हैं आयोजन

होली पर जलते अंगारों पर चलने की कायम है परंपरा, मनोकामना पूरी होने के लिए करते हैं आयोजन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : March 21, 2019/12:30 pm IST

उज्जैन । देशभर में होली का पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। बच्चों से लेकर बड़े तक एक दूसरे को रंग लगा रहे हैं। होली पर ग्रामीण क्षेत्रों में सालों से चली आ रही पुरानी परंपराओं का भी नजारा देखने को मिल रहा है। उज्जैन के राघवी कस्बे में होली पर एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। यहां के रामसारा गांव में लोग ने जलते अंगारों पर दौड़ लगाई ।

ये भी पढ़ें- बस्तर में मनाई गई पारंपरिक होली, युवाओं ने दिखाया जोश

उज्जैन धार्मिक नगरी होने के साथ-साथ कई अद्भुत और पुरानी परंपराओं को मानने वाला शहर है यहां हर पर्व की शुरुआत बाबा महाकाल के मंदिर से होती है और देशभर में मनाए जाने वाले पर्वों को सबसे पहले महाकाल के दरबार में मनाया जाता है । गुरुवार को देशभर में होली का पर्व धूमधाम से और उत्साह के साथ एक दूसरे को प्यार के रंग लगा कर मनाया गया । उज्जैन में होली के पर्व पर ना सिर्फ रंग लगा कर त्यौहार को मनाया जाता है बल्कि यहां के ग्रामीण अंचलों में इस पर्व पर कई पुरानी परंपराओं का भी पालन किया जाता है। मनोकामनाएं पूरी होने के नाम पर परंपरा के नामम पर अंधविश्वास भी नजर आता है।

ये भी पढ़ेंऑटो रिक्शा की धमाचौकड़ी के खिलाफ हाईकोर्ट के सख्त निर्देश, नहीं सुध…

उज्जैन के राघवी कस्बे के एक छोटे से रामसारा गांव में होली के पर्व पर सालों से चली आ रही परंपरा अभी भी कायम है। अंधविशवास कहें या अपार श्रध्दा,इस गांव में अंगारों पर चलने वाली की परंपरा आज भी कायम हैं। इसे स्थानीय में चुल जलाना कहते हैं । चुल जलाने के पीछे का किस्सा कुछ इस तरह हैं कि मनोकामनाएं करने वाले लोग जलते अंगारों पर नंगे पैर दौड़ लगाते हैं इसमें ना सिर्फ पुरुष होते हैं बल्कि महिला और बच्चे भी शामिल होते हैं । ऐसा कहा जाता है की देवी देवताओं को ध्यान कर जब चूल पर चला जाता है तो शरीर को कोई नुकसान नहीं होता ।