उज्जैन। जिला पुलिस में अब आरक्षक स्तर के कर्मचारी को मजबूत करने के लिए ‘बीट’ प्रणाली को शुरू की जा रही है। इसमें आरक्षक को बीट प्रभारी बनाया जा रहा है। हर आरक्षक अपने क्षेत्र का प्रभारी ही नहीं, बल्कि उसके क्षेत्र में होने वाले अपराध का जिम्मेदार भी होगा। इस व्यवस्था के तहत बीट प्रभारी के नम्बर क्षेत्र में डिस्प्ले होंगे, साथ ही वे लोगों से सीधे संपर्क रहेंगे।
उज्जैन पुलिस इन दिनों पुलिस और जनता के बीच की दुरी को दूर करने का हर संभव प्रयास कर रही है। आम लोगों की पुलिस से दूरी कम हो और हर रहवासी सीधे पुलिस के संपर्क में हो, इसके प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि क्षेत्र में होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर आम लोगों की मदद से पुलिस अंकुश लगा सके। इस नई बीट प्रणाली के अंतर्गत थानों का प्रभार तो निरीक्षक के पास रहेगा इसी तरह मोहल्लो का प्रभार आरक्षक स्तर के अधिकारी के पास रहेगा।
हर आरक्षक को शहरी क्षेत्र में एक से अधिक मोहल्ले का चार्ज दिया जाएगा। इसी प्रकार ग्रामीण इलाकों में एक से अधिक गांव दिए जाएंगे और इन मोहल्ला और गांव में उस प्रभारी का मोबाइल नम्बर मुख्य मुख्य स्थानों पर डिस्प्ले करवा जाएंगे। इससे आम लोगों अपने क्षेत्र के बीट प्रभारी के जीवंत संपर्क में रह सके। पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने यह प्रणाली इस लिए शुरू करने का मन बनाया क्योकि थाना प्रभारी स्तर के अधिकारी हर गली-मोहल्ले के लोगों से संपर्क नही कर पाते हैं, इसलिए क्षेत्र में होने वाली गतिविधियों से अंजान होते हैं।
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ऐसे में आरक्षक स्तर के अधिकारी अब आम लोगो के संपर्क में रहेंगे और सभी गतिविधियों से अपने उच्च अधिकारियो को अवगत करवाने का काम करेंगे। इससे अपराध पर भी अंकुश लगेगा और आम जन सीधे पुलिस के संपर्क में रह सकेंगे।