भारी बारिश से बस्तर में बाढ़ जैसे हालात, कई गांवों का टूटा संपर्क, प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करेंगे मंत्री कवासी लखमा और जयसिंह अग्रवाल | Things like flood in Bastar due to heavy rains Broken connectivity of many villages Ministers Kavasi Lakhma and Jaisingh Agarwal will undertake an aerial tour of the affected areas

भारी बारिश से बस्तर में बाढ़ जैसे हालात, कई गांवों का टूटा संपर्क, प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करेंगे मंत्री कवासी लखमा और जयसिंह अग्रवाल

भारी बारिश से बस्तर में बाढ़ जैसे हालात, कई गांवों का टूटा संपर्क, प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करेंगे मंत्री कवासी लखमा और जयसिंह अग्रवाल

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:54 PM IST, Published Date : August 18, 2020/1:54 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के करीब आधे से ज्यादा जिलों में पिछले दो दिन से झमाझम बारिश का सिलसिला जारी है। लगभग सभी नदी, नाले और बांध पूरे उफान पर हैं। गांव हों, चाहे शहर… गलियों और सड़कों पर पानी भर गया है। मौसम विभाग ने 22 अगस्त तक बारिश की चेतावनी दी है। वहीं बस्तर में बाढ़ और बारिश से बिगड़ते हालात का कल दो मंत्री हवाई दौरा कर जायजा लेंगे। मंत्री कवासी लखमा और जयसिंह अग्रवाल सुकमा और बीजापुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करेंगे।

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पिछले 2 दिन से हो रही लगातार बारिश ने छत्तीसगढ़ के कई गांव और कस्बों की तस्वीर ही बदल दी है। रायपुर समेत 12 जिलों में लगातार बारिश हो रही है। जिससे कई जिलों में बाढ़ से अब हालात बिगड़ने लगे हैं। खासतौर से बस्तर के सुकमा और बीजापुर ज़िले में बाढ़ बेकाबू हो गया है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद प्रदेश सरकार के दो मंत्री बाढ़ प्रभावित इलाक़ों का हवाई दौरा करेंगे। कवासी लखमा और जय सिंह अग्रवाल बीजापुर और सुकमा ज़िले का दौरा कर वहां बारिश, बाढ़ प्रभावितों से मुलाक़ात करेंगे।

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सुकमा- कोन्टा तेलंगाना बॉर्डर पर सड़क के ऊपर करीब 4 फीट पानी भर गया है। जिससे कोंटा शहर पूरी तरह टापू में तब्दील हो गया है। प्रशासन ने भी अलर्ट जारी करते हुए इलाके को खाली कराने का काम शुरू कर दिया है। बाढ़ में फंसे लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है। सुकमा जिले से लगे तेलंगाना के भद्राचलम में गोदावरी नदी पाटोपाट बह रही है। यहां शबरी और गोदावरी नदी का संगम है और दोनों ही नदियां यहां उफान पर हैं। जगदलपुर में 36 घंटों से लगातार बारिश हो रही है। जिससे जिले के सभी नदी नालों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। शबरी, गोदावरी, इंद्रावती में बाढ़ के हालात हैं और करीब डेढ़ सौ से ज्यादा गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। यही हालात बीजापुर के भी हैं। जगदलपुर में मूसलाधार बारिश की वजह से पेड़ गिर गया है।

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केके रेलमार्ग की OHE लाइन पर पेड़ गिरने से करीब 16 घंटे ट्रेनों का आवागमन प्रभावित रहा। बैकुंठपुर के जनपद पंचायत कार्यालय में पानी भर गया है। मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और बिहारपुर-सोनहत, लेदरी- पाराडोल मार्ग पूरी तरह बंद हो गया है। इसी तरह बारिश की वजह से कई हादसे भी हो रहे हैं। तिल्दा में नहाते वक्त नहर में एक युवक बह गया। युवक को बचाने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। वहीं अंबिकापुर में बड़ा हादसा हुआ। जहां मूसलाधार बारिश की वजह से कच्चे मकान की दीवार गिर गई और मलबे में दबकर पति-पत्नी की मौत हो गई। उदयपुर के घाटबर्रा इलाके की इस घटना में कई बकरियों की भी मलबे में दबकर मौत हो गई है। वहीं कई जगह बारिश और बाढ़ से बचाव में लगे पुलिस के जवान भगवान बन गए हैं। सुकमा में अस्पताल जाने के लिए निकली महिला बाढ़ में फंस गई। जिसके लिए पुलिस के जवान देवदूत बन गए। उन्होंने गादीरास के ऐटपाल इलाके से महिला को बोट में लेकर अस्पताल पहुंचाया।