देश की हर 3 में से 1 महिला अपने पति के शारीरिक या यौन शोषण की शिकार, इस रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

Physical and Sexual Violence Against Women: Stats Of India के आंकड़े के अनुसार जिनमें महिलाएं अपने किसी परिवार के सदस्य या फिर अपने पतियों का शिकार बनती हैं।

देश की हर 3 में से 1 महिला अपने पति के शारीरिक या यौन शोषण की शिकार, इस रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

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Modified Date: November 29, 2022 / 07:57 pm IST
Published Date: November 24, 2022 12:00 am IST

Physical and Sexual Violence Against Women: भारत में महिलाओं के साथ हिंसा, शारीरिक शोषण और यौन शोषण के मामले सामने आते रहते हैं। यहां तक कई मामले ऐसे आते हैं जिनमें महिलाएं अपने किसी परिवार के सदस्य या फिर अपने पतियों का शिकार बनती हैं। इसको लेकर Stats Of India ने कुछ आंकड़े पेश किए हैं, जो हैरान कर देने वाले हैं।

Stats Of India के मुताबिक, भारत के अंदर 3 में से एक महिला अपने पति की शारीरिक या फिर यौन हिंसा का अनुभव किया है। इस मामले में 6 राज्य तो ऐसे हैं जिसमें महिलाएं इस हिंसा का शिकार सबसे ज्यादा हुई हैं। 18-49 साल की उम्र में विवाहित महिलाओं में, 6 राज्यों में उन महिलाओं का प्रतिशत अधिक है जिन्होंने अपने पति से हिंसा का अनुभव किया है। इन राज्यों में पहले नंबर पर कर्नाटक, दूसरे नंबर पर बिहार और मणिपुर, तीसरे नंबर पर तमिलनाडु, चौथे नंबर पर तेलंगाना और पांचवे नंबर पर उत्तर प्रदेश है।

आंकड़े कुछ इस प्रकार से हैं

कर्नाटक- 44 प्रतिशत
बिहार- 40 प्रतिशत
मणिपुर- 40 प्रतिशत
तमिलनाडु- 38 प्रतिशत
तेलंगाना- 37 प्रतिशत
उत्तर प्रदेश- 35 प्रतिशत

इसके अलावा ये भी कहा गया है कि शहरी इलाकों की तुलना में ग्रामीण इलाकों की महिलाओं में वैवाहिक हिंसा का अनुभव करने संभावना अधिक होती है। शहरी इलाकों की महिलाएं 24 प्रतिशत वैवाहिक हिंसा का अनुभव करती हैं, जबकि 32 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों की महिलाएं इस हिंसा का अनुभव करती हैं।

वहीं अगर शराब पीकर महिला के साथ हिंसा करने की बात की जाए तो आंकड़े बताते हैं कि 70 प्रतिशत ऐसी महिलाएं हैं जिन्होंने पति के शराब पीने के बाद हिंसा का अनुभव किया है, जबकि 23 प्रतिशत ऐसी महिलाएं रहीं जिनके पति बिना शराब पिए हिंसा करते हैं। इतना ही नहीं 77 प्रतिशत महिलाएं ऐसी रहीं जिन्होंने शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव तो किया लेकिन इसके बारे में न तो किसी से कहा और न कभी मदद मांगी। ये आंकड़े Stats Of India ने NFHS-5 2019-21 के स्रोत से 62 हजार 381 महिलाओं पर किए गए शोध के आधार पर पेश किए गए हैं।

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