तीसरी लहर में हुई मौतों में 60 फीसदी मरीजों ने नहीं ली वैक्सीन: सर्वे |

तीसरी लहर में हुई मौतों में 60 फीसदी मरीजों ने नहीं ली वैक्सीन: सर्वे

मौजूदा लहर में कोरोना से मरने वालों में 60 प्रतिशत लोगों ने या तो सिंगल डोज लिया था या फिर वे अनवैक्सीनेटेड थे। मृतकों में ज्यादातर की आयु 70 साल से ज्यादा थी और उनमें से कई डायबिटीज, कैंसर, किडनी या दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार थे।

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : January 23, 2022/12:12 pm IST

नईदिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर के बीच मैक्स हेल्थकेयर द्वारा किए गए एक सर्वे में कई आकंड़े सामने निकलकर आए हैं। इसमें बताया गया है कि मौजूदा कोरोना लहर पहली और दूसरी लहर से किस प्रकार भिन्न है। मैक्स हेल्थकेयर ने अपने अध्ययन के आधार पर कहा है कि पिछले साल अप्रैल से मई के दौरान कोरोना संक्रमित चार में से तीन व्यक्ति को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी। पहली लहर के दौरान जितने लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, उनमें से 63 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन सपोर्ट दिया गया था जबकि पिछले साल दूसरी लहर के दौरान 74 प्रतिशत मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी।

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इतना ही नहीं पहली और दूसरी लहर से तुलना करें तो इस बार सिर्फ 23.4 प्रतिशत मरीजों को ही ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ रही है। मौजूदा लहर में कोरोना से मरने वालों में 60 प्रतिशत लोगों ने या तो सिंगल डोज लिया था या फिर वे अनवैक्सीनेटेड थे। मृतकों में ज्यादातर की आयु 70 साल से ज्यादा थी और उनमें से कई डायबिटीज, कैंसर, किडनी या दिल से जुड़ी बीमारियों का शिकार थे।

अध्ययन से दो महत्वपूर्ण बिंदु देखे गए हैं। एक यह है कि इस लहर के दौरान अस्पताल में कुल एंट्री बहुत कम रही है। दूसरा बिंदु यह है कि दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में भर्ती हुए कुल मरीजों में से लगभग 70 से 80 प्रतिशत को ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता थी। जबकि इस लहर में कुल भर्ती में से केवल 20 से 30 प्रतिशत को ही ऑक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता हुई।

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यह अलग बात है कि इस बार भी संक्रमित लोगों की संख्या उतनी ही है लेकिन अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या पहली और दूसरी लहर की तुलना में बहुत कम है। कोरोना की पहली लहर में मृत्यु दर का आंकड़ा 7.2 फीसदी रहा जो कि दूसरी लहर में बढ़कर 10.5 प्रतिशत हो गया। जबकि मौजूदा लहर में यह आंकड़ा 6 फीसदी दर्ज किया गया है। कोरोना वैक्सीनेशन होने के कारण मौत के आंकड़ों में कमी आई है।

 
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