पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती, पीएम मोदीऔर राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि, पायलट से प्रधानमंत्री तक किया चुनौतियों का सामना | 75th birth anniversary of former Prime Minister Rajiv Gandhi Challenges faced from pilot to prime minister PM Modi and Rahul Gandhi paid tribute

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती, पीएम मोदीऔर राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि, पायलट से प्रधानमंत्री तक किया चुनौतियों का सामना

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती, पीएम मोदीऔर राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि, पायलट से प्रधानमंत्री तक किया चुनौतियों का सामना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : August 20, 2020/7:53 am IST

नई दिल्ली । गुरुवार 20 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती है। इस मौके पर पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि।’

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने पिता को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भविष्य निर्माता और दूर दृष्टा बताया है। राहुल गांधी ने पिता की तस्वीर ट्वीट करते हुए कहा, ‘राजीव गांधी एक गजब के दृष्टा और अपने वक्त से बहुत आगे के व्यक्ति थे। लेकिन इन सबसे परे वो एक उदार और प्रेम से ओत-प्रोत इंसान थे। मैं उन्हें अपने पिता के रूप में पाकर खुद को बहुत भाग्यशाली और गौरवान्वित महसूस करता हूं। हम उन्हें आज और हर दिन याद करते हैं।’

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बता दें कि राजीव गांधी का जन्म आज ही के दिन यानी 20 अगस्त 1944 को हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद ना चाहते हुए भी उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया बाद में वो देश के प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी का कार्यकाल 1984 से 1989 तक रहा। चुनाव प्रचार के दौरान 1991 में कोयम्बटूर में उनकी हत्या कर दी गई थी।

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राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। लेकिन अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद अपनी मां को सहयोग देने के लिए राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश किया । वो पहली बार अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने और 31 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमंत्री बने रहे।

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राजीव गांधी भारत में सूचना क्रांति के जनक माने जाते हैं। देश के कंप्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रांति का श्रेय उन्हें दिया जाता है। स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन दिलवाने का काम उन्होंने किया । मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार राजीव गांधी ने दिलवाया। चुनावों का प्रचार करते हुए 21 मई, 1991 को ‘लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम’ नाम के उग्रवादी संगठन के सदस्यों ने राजीव गांधी की एक बम विस्फ़ोट में हत्या कर दी।